How Much Is The Country Women Really Empowered: कहने को तो हमारा देश आज़ाद है, देशवाशियों पर कोई राज नहीं करता, लोगों के पास अपने अधिकार हैं और वो अपने जीवन को बिना किसी कैद के जी रहे हैं लेकिन यह सारी बातें देश के लाखों महिलाओं पर लागू नहीं होती क्यूंकि उनके जीवन को अभी तक कंट्रोल किया जाता है। उनकी आज़ादी उनको अभी तक नहीं मिली है और वो अपने घरों में या ससुरालों में या ब्रॉथल्स में उनके अधिकारों को इस्तेमाल भी करने का मौका नहीं दिया जाता। वीमेन एम्पावरमेंट के लिए देश की सरकार इतना कुछ करने की इनिशिएटिव लेते हैं, उन्हें आवाज़ देने की कोशिश करते हैं, उन्हें उनके हिस्से की आज़ादी भी देने की कोशिश करते हैं, बातें करते हैं लेकिन सवाल यह है कि क्या सच में इस देश में महिलाएं एम्पावर्ड हैं? क्या सच में महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को मदद मिल रही है?
क्या भारत में महिलाएं सच में हैं Empowered?
वीमेन एम्पावरमेंट के नारे लगाने के बावजूद देश में महिलाओं के खिलाफ ना कम होते हुए अपराध जैसे खून, बदसलुखी, रेप, भेद भाव, किडनेपिंग, ट्रैफिकिंग और इनसब को करने वाले अपराधियों को सजा ना मिलना इस बात का प्रमाण है कि देश की महिलाओं के लिए अभी भी देश में बहुत कुछ करना बाकी है। उनके सुरक्षा के लिए कानून और अधिकारों के बावजूद भी उनके अपराधी पैसे देकर बहार निकल जाते हैं, खुले में घूमते हैं और उस लड़की पर सर्वाइव करने के बाद भी खतरा मंडराते रहता है। महिलाएं आज भी इस देश में अपने कपड़ो के लिए जज होती हैं और मिसोगिनिस्टिक व्यवहारों का सामना करती है। अपने खिलाफ हेट झेलती है, सोशल मीडिया पर ओब्जेक्टिफि और रियल लाइफ में सेक्सुअलाइस की जाती है।
वर्क प्लेस में अभी भी जेंडर बेसिस पर डिस्क्रिमिनेशन होता है। सड़कों पर महिलाओं को ड्राइव करते देख मज़ाक अभी भी उड़ाया जाता है। घरों में उनपर हिंसा और सेक्सुअल एब्यूज अभी भी होती है और अपराधियों को किसी न किसी नाम पर छोर दिया जाता है। जहाँ देश में महिलाओं पर इतने खतरे अभी भी हैं और जहाँ औरतें अभी भी कितनी अनसेफ हैं, वहां एम्पावरमेंट में बहुत कमर कसनी बाकी है सरकार को।