Advertisment

WOMEN AND THE VOTE: भारतीय महिलाएं अधिक मतदान कर रही हैं और क्यों?

ओपिनियन: भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बेहतर रहा है। भारत में बीते समय में महिला वोटरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी आई है। आइये जानते हैं महिलाओं के अधिक मतदान करने का क्या कारण है।

author-image
Priya Singh
New Update
WOMEN AND THE VOTE(Hindustan times)

Indian Women Are Voting More And Why (Image Credit - Hindustan times)

Indian Women Are Voting More And Why: भारत में महिलाओं को मतदान का अधिकार मिलने के बाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत बेहतर रहा है। हालाँकि यह बहुत आम बात है जो आज भी महिलाओं को राजनीति में उतना आगे नहीं आने देती जितना होना चाहिए जो है संसद और राज्य सभाओं में महिलाओं की कमी। लेकिन महिलाएं वोटर के तौर पर राजनीति में मौजूद हैं। आंकड़े कहते हैं कि भारत में बीते समय में महिला वोटरों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी आई है। आज कल के समय में जहाँ महिलाएं लैंगिक रुढियों को कम करते हुए राजनीति तक अपनी पहुंच बनाना जरूरी समझने लगी हैं तो वहीं पुरुषों की तुलना में उनका वोट प्रतिशत भी तेजी से बढ़ रहा है। आइये जानते हैं महिलाओं के अधिक मतदान करने का क्या कारण है।

Advertisment

भारतीय महिलाएं अधिक मतदान कर रही हैं और क्यों?

भारत में महिलाओं का मतदान प्रतिशत

भारत में पहले की तुलना में मतदान प्रतिशत तेजी से बढ़ा है। जिसमें ज्यादा बढ़े हुए वोटर्स में महिला मतदाता शामिल हैं। भारत के 2019 के संसदीय आम चुनावों के दौरान महिलाओं का मतदान प्रतिशत लगभग 69.47% था। जबकि पुरुषों का मतदान प्रतिशत 69.40% ही था।

Advertisment

भारत में महिला सांसदों और विधायकों की संख्या

आंकड़ों के अनुसार पहले की तुलना में अब महिलाओं की राजनीति में उपस्थिति भी बढ़ी है। महिला सांसदों को सदन में अगर प्रतिशत में देखें तो लोकसभा में 14.36% एवं राज्यसभा में 10% से अधिक महिला सदस्य मौजूद हैं। आंकड़ों के मुताबिक लोकसभा में 1951 से लेकर साल 2019 तक लगातार महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है।

भारतीय महिलाएं अधिक मतदान क्यों कर रही हैं

Advertisment

1. कानूनी सुधार

पिछले कुछ वर्षों में भारत ने लैंगिक समानता और राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कानूनी सुधार पेश किए हैं। 1993 में 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधनों ने पंचायतों और नगर पालिकाओं में महिलाओं के लिए सीटों के आरक्षण को अनिवार्य कर दिया। जिससे अधिक महिलाओं को नेतृत्व की भूमिका निभाने और बदले में, राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

2. जागरूकता और शिक्षा में वृद्धि

Advertisment

भारतीय महिलाओं के बीच साक्षरता दर में लगातार सुधार हो रहा है। जिससे उनके अधिकारों और राजनीतिक भागीदारी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ी है। शिक्षा महिलाओं को सूचित विकल्प चुनने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने का अधिकार देती है। जिसके कारण ही महिलाएं मतदान करके लोग तंत्र में भगा ले रही हैं।

3. महिला-केंद्रित सरकारी योजनाएं

भारत सरकार ने विशेष रूप से महिलाओं को लक्षित विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं। जैसे- प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ। ये योजनायें कहीं न कहीं महिलाओं को सशक्त बनाने का काम कर रही हैं जो महिलाओं को चुनाव में भाग लेने के लिए प्रेरित सकती हैं।

Advertisment

4. जमीनी स्तर के आंदोलन

जमीनी स्तर के आंदोलनों और महिला संगठनों ने महिलाओं को राजनीति में भाग लेने के लिए एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ये समूह महिलाओं के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने, महिला उम्मीदवारों को प्रोत्साहित करने और राजनीतिक रूप से सक्रिय होने में महिलाओं का समर्थन करने के लिए काम करते हैं।

5. प्रतिनिधित्व के मामले

Advertisment

जैसे-जैसे अधिक महिलाएँ राजनीति में प्रवेश करेंगी और सार्वजनिक पद संभालेंगी। यह अन्य महिलाओं को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित कर सकता है। प्रतिनिधित्व मायने रखता है और नेतृत्व की स्थिति में महिलाएं रोल मॉडल के रूप में काम कर सकती हैं। जो अन्य महिलाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रेरित करती हैं।

Indian women Voting मतदान
Advertisment