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Marriage: क्या महिला का जीवन में शादी करना ज़रूरी है?

भारतीय समाज में शादी को बहुत अहमियत दी गई है। लड़का हो या लड़की एक उम्र के बाद उनके ऊपर शादी का प्रेशर बनाया जाता है। क्या एक व्यक्ति तब ही जीवन में सफ़ल है जब उसकी शादी हो जाती है। आइये जानते हैं क्या शादी सच में बहुत ज़रूरी है-

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Rajveer Kaur
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Marriages Breakdown (Herzindagi)

Is Marriage Important In Women life

Marriage: भारतीय समाज में शादी को बहुत अहमियत दी गई है। शादी को एक त्यौहार की तरह किया जाता है। लोग इसमें लाखों रुपय ऐसे ही खर्च देते हैं। इसके बाद आज भी ऐसे मामले आते हैं जहाँ लड़की के परिवार से दहेज की माँग की जाती है। लड़का हो या लड़की एक उम्र के बाद उनके ऊपर शादी का प्रेशर बनाया जाता है। क्या शादी सच में बहुत ज़रूरी है? क्या एक व्यक्ति तब ही जीवन में सफ़ल है जब उसकी शादी हो जाती है। आइए जानते हैं क्या शादी सच में बहुत ज़रूरी है-

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क्या महिला का शादी करना जीवन में ज़रूरी है?

शादी एक पर्सनल चॉइस है

शादी हर एक व्यक्ति का निजी फ़ैसला है। यह औरत और मर्द दोनों के लिए है कि वे जब चाहें मर्ज़ी शादी कर सकते हैं। उनके ऊपर किसी तरह का दबाव नहीं होना चाहिए। हमारे समाज 22 की उम्र के बाद शादी का प्रेशर पड़ने लग जाता है लेकिन यह गलत है। यह व्यक्ति का खुद का फैसला है उसे कब, किसके साथ और कैसे शादी करनी है इसमें माँ बाप का भी कोई दखल नहीं बनता है। 

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मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार 

शादी के लिए व्यक्ति शारारिक और मानसिक दोनों रूप से तैयार होना चाहिए। शादी में समस्या तब आती है जब प्रेशर के कारण दो लोग शादी करवा लेते हैं लेकिन वे शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार नहीं होते फिर बाद में परेशानियां पैदा होती हैं। इसलिए शादी तब ही कराएँ जब आप इसके लिए तैयार हों। 

शादी का मतलब ज़िन्दगी में सेट होना नहीं है 

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शादी का ज़िन्दगी में सेट या सफल होने से कोई लेना-देना नहीं है इसलिए शादी को ज़िन्दगी की सफलता का मानक मत बनाइए। कोई शादी के बगैर भी खुश है और कोई शादी करवाकर भी एक अब्यूसिव और टॉक्सिक ज़िन्दगी जी रहा है। इसलिए शादी एक निजी मामला होना चाहिए। 

FOMO मत फील करें 

कई बार हम ऐसे स्थिति में होती है जब हमारे आस-पास के सभी दोस्त और कजिन की शादी हो रही होती है लेकिन हम एक रिलेशन में भी नहीं होते हैं तो रुकिए आप ऐसे मत सोचिए मेरे साथ ऐसे हो रहा है शादी कोई माइलस्टोन नहीं है जिसे प्राप्त करना जरूरी है। आप अपने मन से पूछिए क्या आप सच में शादी करना चाहते हैं क्या सिर्फ आपके आस-पास सभी शादी कर रहे हैं तो आप करना कहते हैं?

ज़िन्दगी को शादी तक मत सीमित रखें 

यह आपकी ज़िन्दगी है इसको कैसे जीना है यह आप पर निर्भर है इसलिए कभी भी इसे शादी या एक गोल तक मत सीमित रखें कोई क्या सोचेगा या क्या कहेगा यह आपकी समस्या नहीं है। अगर आप ट्रेवल करना चाहते हैं तो कीजिए। आप कैजुअल रिलेशन में रहना चाहते हैं तो यह भी ठीक है। आप किसी भी रिलेशन में नहीं रहना चाहते तो भी कोई बात नहीं है इसलिए शादी के प्रेशर से अपनी ज़िन्दगी मत रोकिए। अगर शादी चाहते हैं तो ख़ुशी से करिए अगर सिर्फ प्रेशर के नीचे आकर करनी है तो यह गलत है।

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