The Goddess in Your Home Deserves Respect: दिवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार माना जाता है। ऐसा समझा जाता है कि इस दिन बुराई खत्म हो जाती है और चारों तरफ रोशनी पैदा हो जाती है। इसलिए हम दिए भी जलाते हैं जो इस बात का संकेत होते हैं कि अंधेरा खत्म हो चुका है। इसके साथ ही हिन्दू धर्म में माँ लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है। उन्हें धन की देवी माना जाता है जिनके आने से घर में समृद्धि आती है। इसके साथ ही जब घर में बेटी पैदा होती है तो उसे भी लक्ष्मी जी का रूप ही माना जाता है जिसके पैदा होने से घर में धन और समृद्धि आएगी। चलिए आज इस विषय पर बात करते हैं कि बेटियों को लक्ष्मी का रूप मानने वाले क्यों उनका सम्मान भूल जाते हैं?
इस दिवाली अपने घर की लक्ष्मी का भी करें सम्मान
भारत में जब भी लड़की का जन्म होता है तो कहा जाता है कि लक्ष्मी पैदा हुई है। इसके साथ ही घर की महिलाओं को भी लक्ष्मी का रूप ही माना जाता है लेकिन यह बातें सिर्फ बातें ही है। असल में सच्चाई बहुत अलग है। लड़की के जन्म होने के तुरंत बाद ही उसे लक्ष्मी कहा जाने लग जाता है लेकिन व्यवहार उसके साथ इंसानों जैसा भी नहीं होता है। बहुत सारे लोग लड़कियों को आर्थिक बोझ मानते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि महिलाएं खुद कमाने के लायक नहीं होती लेकिन उनसे कोई यह नहीं पूछता है कि आखिर लड़कियों को आर्थिक रूप से कमजोर भी हम लोग भी बनाते हैं।
लड़की के होने पर उसे लक्ष्मी का दर्जा देना सिर्फ घर वालों को यह दिलासा देता है कि कोई बात नहीं अगर आपके घर में बेटा नहीं हुआ है। आपको तो खुश होना चाहिए आपके घर में लक्ष्मी आई है। असल में अंदर से सब लोग दुखी ही होते हैं। ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो बेटी की कामना करते हैं और बेटी के जन्म होने पर खुश होते हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि समाज लड़कियों को आजादी ही नहीं देता है कि वे अपनी जिंदगी को खुलकर जी पाएं या फिर अपने फैसले खुद ले पाएं। आज भी बहुत सारी महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त नहीं। उन्हें पैसों के लिए पुरुषों के ऊपर निर्भर होना पड़ता है जिसके कारण उन्हें छोड़ भी नहीं पाती। सालों से महिलाएं सिर्फ इस वजह से टॉक्सिक रिश्ते को सहन कर रही हैं क्योंकि उनके पास आर्थिक आजादी नहीं है। अगर हम सचमुच लक्ष्मी जी की पूजा करना चाहते हैं और अपने घर में धन और समृद्धि चाहते हैं तो हमें महिलाओं को खुलकर जीने देना होगा। उनके जन्म पर खुशी जाहिर करनी होगी और उनका सम्मान करना होगा। उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना होगा ताकि उन्हें जिंदगी में किसी के ऊपर निर्भर ना होना पड़े।