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क्यों एक महिला को शादीशुदा दिखने के लिए पहचान की जरूरत है?

श्रृंगार को लेकर हर व्यक्ति की अलग राय है लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं। श्रृंगार के आधार पर किसी भी महिला को जज नहीं किया जा सकता। चलिए जानते हैं कि क्या शादीशुदा होने के लिए पहचान की जरूरत है-

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Rajveer Kaur
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हर शादीशुदा महिला को जानने चाहिए ये 6 कानूनी अधिकार

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The Role of Marriage Symbols in Relationship Validation: मंगलसूत्र, सिंदूर, चूड़ियां, मेहंदी आदि सभी शादीशुदा महिला का श्रृंगार हैं। इससे आप यह भी जान लेते हैं कि महिला की शादी हुई है या नहीं। लेकिन एक पुरुष का कोई श्रृंगार नहीं होता है या उसकी पहचान के लिए कोई भी चिह्न नहीं होता है। श्रृंगार को लेकर हर व्यक्ति की अलग राय है लेकिन इसमें कुछ भी गलत नहीं। श्रृंगार किसी महिला के लिए एक सशक्तिकरण का रास्ता भी हो सकता है। बहुत सारी महिलाओं को श्रृंगार करने से खुशी भी मिलती है और इससे उन्हें कॉन्फिडेंस भी आता है। यह हर एक महिला की चॉइस है। श्रृंगार के आधार पर किसी भी महिला को जज नहीं किया जा सकता। चलिए जानते हैं कि क्या शादीशुदा होने के लिए पहचान की जरूरत है

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क्यों एक महिला को शादीशुदा दिखने के लिए पहचान की जरूरत है?

अगर शादीशुदा महिला कोई श्रृंगार नहीं करना चाहती  तो इस पर किसी को कोई भी टिप्पणी करने का हक नहीं। ह यह उस महिला की निजी जिंदगी है और उसे कैसे तैयार होना है या फिर क्या पहनना है, इस पर कोई भी व्यक्ति दूसरा व्यक्ति राय नहीं दे सकता। समस्या तब होती है जब किसी महिला की शादी को इस आधार पर दर्ज किया जाता है कि वह श्रृंगार करती है या नहीं। किसी भी रिश्ते को श्रृंगार के आधार पर जज नहीं किया जा सकता है या फिर उसके रिश्ते को पूर्ण होने के लिए श्रृंगार की जरूरत नहीं होती। यह किसी भी महिला के लिए बोझ नहीं होना चाहिए कि अगर कोई महिला इन्हें नहीं पहनना चाहती तो वह कम शादीशुदा लगती है। बहुत सारे घरों में बहु को अपने ससुराल में ट्रेडिशनल तरीके से रहना पड़ता है। उन्हें ऐसा करना पसंद भी नहीं होता और शादीशुदा महिला के लिए ऐसा अच्छा नहीं माना जाता।

बहुत सारी महिलाओं के लिए ट्रेडिशनल तरीके से रहना सजा होता है। क्योंकि उनके ऊपर दबाव बनाया जाता है या फिर उन्हें वैसे स्वीकार नहीं किया जाता है जैसे वह रहना चाहती है। हर महिला की जिंदगी में बिंदी, चूड़ियां, मंगलसूत्र, मेहंदी या फिर सिंदूर का एक अलग स्थान होता है और उसके ऊपर कोई भी सवाल नहीं उठता चाहिए लेकिन इससे उसे महिला की वर्थ डिसाइड नहीं होती और ना ही रिलेशनशिप स्टेटस का पता चलता है. यह आपकी खुशी के लिए है लेकिन समाज में फिट होने के लिए अगर आपको इन्हें पहनना पड़ रहा है तो फिर यह गलत बात है। हमें एक ऐसा माहौल बनाना चाहिए यहां पर हम यह महिलाओं को ही आजादी दे कि वह शादी को बचाने के लिए या फिर शादीशुदा दिखाने के लिए इन तरीकों का श्रृंगार का सहारा ना लेना पड़े।

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