What's Wrong With Wearing Less Clothes: महिलाएं अपनी लाइफ के हर डिसीजन खुद ले सकती हैं और इसमें किसी भी दूसरे व्यक्ति को दखलअंदाजी करने की ना ही इजाजत है और ना ही जरूरत। महिलाएं अपनी जिंदगी में क्या पहनना चाहती हैं कहां जाना चाहती है क्या पढ़ाई करना चाहती हैं किस क्षेत्र में काम करना चाहती हैं हर डिसीजन वह खुद लेने के काबिल है। लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी और महिलाओं को उनकी पर्सनल स्पेस देनी होगी।
लोगों को अपनी सोच बदलनी होगी
कई लोगों की यह सोच है कि अगर महिलाएं छोटे कपड़े पहन रही हैं तो वह किसी प्रकार से गलत है या वह समाज में गलत संदेश दे रही है लेकिन अपने मन में ऐसी धारणा रखना और महिलाओं को उनकी जिंदगी जीने से रोकना, उनके फैसलों को किसी भी प्रकार से गलत साबित करना, उन्हें असुरक्षित महसूस करना बेहद गलत है। इस सोच को सोसाइटी से निकाल कर बाहर फेंकना होगा। महिलाएं क्या कपड़े पहन कर कहां जाना चाहती है कितने कपड़े पहनाना चाहती हैं यह उनकी खुद की चॉइस है और इसमें कुछ भी गलत नहीं।
महिलाएं वही पहने जो वह पहनना चाहती हैं
महिलाएं अपनी जिंदगी में क्या करना चाहती है यह उनका खुद का निर्णय होना चाहिए कम कपड़े पहने या ज्यादा यह भी उनकी चॉइस है, छोटे कपड़े पहने या लंबे यह भी उनकी चॉइस है और महिलाओं को किसी दूसरे व्यक्ति या समाज की गलत सोच की वजह से अपनी जिंदगी जीना नहीं छोड़ना चाहिए। कोई दूसरा व्यक्ति आंखें आपको यह नहीं बता सकता कि आप अगर कोई चीज कर रहे हैं जो आपको खुशी देती है वह गलत है।
गलत कपड़े नहीं, सोच गलत होती है
कपड़े सही या गलत नहीं होते इंसान की सोच सही या गलत होती है। अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि छोटे कपड़े पहनना कोई अपराध है यही है समझ में गलत संदेश भेज रहा है तो यह गलती कपड़ों की नहीं यह गलती उस इंसान की है जिसकी ऐसी गलत सोच है। आपके कपड़े यह नहीं दर्शा सकते कि आप गलत है या सही, अच्छे हैं या बुरे लेकिन आपका काम और आपका बर्ताव यह दर्शाता है कि आप अच्छे हैं या नहीं। महिलाओं को वही पहनना चाहिए जो वह पहनना चाहती हैं और किसी के भी दबाव में आकर अपना फैसला नहीं बदलना चाहिए। महिलाओं को हक है अपनी जिंदगी अपने अनुसार जीने का। महिलाएं अपनी मर्जी से और अपनी तरह जिंदगी की रही है और जीना चाहती हैं इसमें कोई गलत बात नहीं।