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Child Adoption: बच्चे को गोद लेने की चॉइस पर क्यों उठते हैं इतने सवाल?

जब दो लोगों की शादी होती है तो सबसे ज्यादा उन्हें यह बात ही सुनने को मिलती है कि बेटा अब बच्चे कब कर रहे हो? यह प्रेशर सिर्फ परिवार से नहीं समाज की तरफ से भी आने लग जाता है।

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Rajveer Kaur
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Child Adoption

Why Adopting a Child Is Not Supported by Society: जब दो लोगों की शादी होती है तो सबसे ज्यादा उन्हें यह बात ही सुनने को मिलती है कि बेटा अब बच्चे कब कर रहे हो? यह प्रेशर सिर्फ परिवार से नहीं समाज की तरफ से भी आने लग जाता है। एक बात तो हमें समझने की जरूरत है कि हमारा समाज बच्चों के लिए बहुत ऑब्सेस्ड है। यहां पर यह समझा जाता है कि औरत का जन्म ही इसके लिए हुआ है। अगर वहीं कोई यह कह दे कि हम बच्चा पैदा नहीं करेंगे ब्लकि गोद लेंगे तो यह एक जुर्म के जैसे हो जाता है। क्यों लोगों को अपना बच्चा पै ही पैदा करना है? क्यों उन्हें अनाथ बच्चों को मां-बाप मिलने की खुशी नहीं है? आज हम इसके ऊपर ही बात करेंगे-

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Child Adoption: बच्चे को गोद लेने की चॉइस पर क्यों उठते हैं इतने सवाल

सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि बच्चा पैदा करना भी एक चॉइस है। महिलाओं को इस बात के लिए ज्यादा फोर्स किया जाता है कि उन्हें बच्चा पैदा करना ही है। इसके लिए सदियों से वो प्रताड़ना सहन करती आ रही हैं। अगर कोई महिला यह कह दे कि उसे बच्चा नहीं पैदा करना है तो समाज का व्यव्हार  तरफ बहुत गलत हो जाता है ।ऐसा समझा जाता है कि यह अच्छी औरत नहीं है या फिर औरत के नाम पर धब्बा है। महिला का तो सौभाग्य है कि उसे बच्चा पैदा करने की भगवान ने शक्ति दी है लेकिन आप यह भूल जाते हैं कि यह उसे औरत का शरीर है। उस शरीर पर उसका ज्यादा हक है। आप उसके लिए फैसला नहीं ले सकते हैं कि उसे बच्चा पैदा करना है या नहीं।

मुद्दे की बात यह है कि क्यों अभी भी हमारा समाज बच्चा गोद लेने को स्वीकार नहीं करता है? क्या उन्हें इस बात की खुशी नहीं होती है कि एक बच्चा जिसके मां-बाप नहीं है या फिर वह अकेला है अगर उसे मां-बाप मिल जाते हैं तो उससे बड़ी कुछ बात नहीं हो सकती है। क्यों हम और बच्चों को पैदा करें जब हमारे पास पहले ही इतने बच्चे हैं जिन्हें इमोशनल सपोर्ट देने के लिए कोई नहीं है। वो बच्चे अकेले अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं। उन्हें समझने वाला कोई नहीं है। अगर कोई कपल यह स्टेप उठाता है कि हम उसे बच्चों को एक नई जीवन देना चाहते हैं तो इससे उन्हें भी औलाद का सुख मिल जाएगा और उस बच्चे को मां-बाप मिल मिलेगा। अगली बार जब भी आपको कोई आकर कहे कि हम बच्चा गोद लेना चाहते हैं तो आप बिना किसी झिझक कि उनका साथ दीजिए।

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