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Male Ego: महिला मना कर दे तो मर्दों की इगो पर बात क्यों आ जाती है?

इस दुनिया में सबसे कमजोर चीज मर्दों की एक है जो बहुत ही छोटी बात पर हर्ट हो जाती है। यह सिर्फ मेल ईगो नहीं है इसके पीछे और भी बहुत सारी चीजें छिपी हुई हैं जिनके बारे में कोई बात नहीं करता है। हमारे समाज में आज भी मर्द प्रधानता है-

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: Adobe Stock)

Why Male Ego Is Very Much Fragile: इस दुनिया में सबसे कमजोर चीज मर्दों की ईगो है जो बहुत ही छोटी बात पर हर्ट हो जाती है। यह सिर्फ मेल ईगो नहीं है इसके पीछे और भी बहुत सारी चीजें छिपी हुई हैं जिनके बारे में कोई बात नहीं करता है। हमारे समाज में आज भी मर्द प्रधानता (Male Dominance) है और जब कोई महिला इस बात की हिम्मत रखती है कि वह पुरुष को मना कर पाए या फिर उसके कंट्रोल में मत रहे तो ऐसी औरत को समाज में अच्छा नहीं माना जाता है। अब हम इसे उदाहरण से भी समझ लेते हैं अब जो औरतें शादी में प्रताड़ना नहीं सहन करती हैं, पति की हर गलत बात को हाईलाइट करती और जब जरूरत पड़ने पर डिवोर्स भी ले लेती हैं तब उन्हें बहुत कुछ सहन करना पड़ता है। उन्हें कहा जाता है कि पति तो ऐसे ही होते हैं लेकिन औरतों को एडजस्ट करना आना चाहिए। आज हम जानेंगे कि क्यों मर्दों की एगो इतनी कमजोर क्यों होती है कि वह औरत के मना करने हर्ट हो जाती है।

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महिला मना कर दे तो मर्दों की इगो पर बात क्यों आ जाती है?

मेल इगो एक ऐसी चीज है जो छोटी सी बात पर भी हर्ट हो जाती है। यह बहुत भयंकर है क्योंकि इसके पीछे डोमिनेंस, कंट्रोल, पजेसिवनेस, मैस्क्युलिनिटी और प्राइड छुपा हुआ है। उसका महिलाओं को ही नहीं खतरा है बल्कि पुरुष भी इसके कारण समाज में खुद को व्यक्त नहीं कर पाते हैं। अब जब कोई पुरुष रोता है तो उसे कहा जाता है कि तुम पुरुष होकर रो रहे हो। अब बहुत सारे पुरुष इस बात से ही अपने इमोशंस को छुपाना बंद कर देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि मैं पुरुष हूं और मैं रो नहीं सकता क्योंकि यह कमजोर लोगों की निशानी है। समाज ने पुरुष को ऐसा बनाया है कि तुम ताकतवर हो और महिला तुम्हारे सामने कुछ भी नहीं है। मर्द क्क कभी दर्द नहीं होता है। वह सारी मुसीबत को अकेले ही सहन करते हैं। अब कितने पुरुष है जो घर पर आकर अपनी पत्नी से बात ही नहीं करते कि उन्हें किस बात की परेशानी है या फिर वह किस समस्या से गुजर रहे हैं जिसके कारण वह फ्रस्ट्रेटेड रहते हैं और अपना गुस्सा कई बार पत्नी पर मारपीट कर निकाल देते हैं।

हमें समझना होगा कि इस मेल इगो का कोई भी फायदा नहीं है। यह सिर्फ समस्याओं को बढ़ावा देने की बात है। इससे पुरुष महिलाओं के के साथ-साथ अपने लिए भी समस्याएं खड़ी कर रहे हैं। अब मान लीजिए कि सड़क पर किसी लड़के ने लड़की को छेड़ने की कोशिश की अब उसने पलट कर उसे सबके सामने थप्पड़ मार दिया अब उस लड़के की मेल इगो हर्ट होगी। अब वह सबक सिखाने के लिए कुछ ऐसा करेगा जिससे उसकी मेल इगो शांत हो जाए। वह उस पर तेजाब डाल सकता है, उसके साथ रेप कर सकता है या फिर उसे लोगों के सामने जलील करेगा। हमें यह सोचना होगा जो लोग ऐसे व्यव्हार को बढ़ावा देते हैं, उन्हें समझना होगा कि आप समाज को असुरक्षित बना रहे हैं, आप पुरुष और मर्दों के बीच की असमानता को और भी बड़ा कर रहे हैं और खुद भी अपने आप को सीमित कर रहे हैं।

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