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Male Dominance: क्यों पुरुष महिलाओं को कंट्रोल में रखना चाहते हैं?

भारतीय परिवार में जब एक बेटी का जन्म होता है तब से ही परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और दोस्त यह कहने लग जाते हैं कि बेटी हुई है अब इसकी परवरिश अच्छे से करनी है, कहीं हाथ से न निकल जाए। इसका अर्थ है कि आप लड़कियों को कंट्रोल करना चाहते हैं।

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: Harness Magazine)

Why Men Always Wants To Control Women: भारतीय परिवार में जब एक बेटी का जन्म होता है तब से ही परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और दोस्त यह कहने लग जाते हैं कि बेटी हुई है अब इसकी परवरिश अच्छे से करनी है, कहीं हाथ से न निकल जाए। जब लड़कियां एक बार हाथ से निकल जाती है तो घर की इज्जत खराब हो जाती है। इसका अर्थ है कि आप लड़कियों को कंट्रोल करना चाहते हैं। उन्हें उनकी जिंदगी मर्जी से नहीं जीना चाहते। आपको लगता है कि अगर एक औरत अपनी जिंदगी खुलकर व्यतीत करेगी तो वह गलत है। वहीं पुरुषों के लिए ऐसा कोई रूल नहीं है। उनके किसी भी गलत काम से घर की इज्जत को ठेस नहीं पहुंचती है तो चलिए आज इस पर बात करते हैं कि क्यों पुरुष महिलाओं को कंट्रोल करना अच्छा समझते हैं।

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Male Dominance: क्यों पुरुष महिलाओं को कंट्रोल में रखना चाहते हैं?

अब बहुत सारे लोगों को इस बात से भी आपत्ति होगी कि पुरुष कब महिलाओं को कंट्रोल करते हैं। वो तो अपनी मर्जी करती है। अब इस बात को हम एक उदाहरण से समझते हैं- रिलेशनशिप में आप अपने पिता और माता को देख लीजिए या फिर अपने आसपास कोई भी कपल उठा लीजिए। घर के सभी फैसले पुरुष करते हैं। इसके अलावा शादी के बाद लड़की क्या पहनेगी, जॉब करेगी या घर को संभालेंगी या फिर दोनों संभालेगी, बच्चा कब करना है, मायके कब जाना है, कितने दिनों के लिए जाना है आदि। ये सब चीजें पुरुष कंट्रोल करते हैं. कई बार महिला का पुरुष के साथ शारीरिक संबंध बनाने का मन होता है लेकिन मेल पार्टनर कह देता है कि मेरा अभी मन नहीं है। वहीं जब उसका मन होता है तब औरत से हां या नहीं नहीं पूछा जाता। परिवार वाले भी यही कहते कि अब हमने तुम्हारी शादी कर दी है। अब जैसे तुम्हारा पति कहेगा, तुम्हें वैसा ही करना है। इसके अलावा अगर आप देखे तो पिता का भी बेटियों के ऊपर बहुत कंट्रोल होता है। उन्हें कहीं जाने नहीं देते, घर कब तक आना है और कहाँ तक पढ़ाई करनी है, यह भी पिता के द्वारा ही डिसाइड किया जाता है। आम तौर पर लड़कियों की अरेंज मैरिज करवा दी जाती है तो यह बातें देखने को छोटी लगती है लेकिन इसका महिलाओं की जिंदगी पर बहुत असर पड़ता है।

इससे महिला अपने दिल की नहीं कर पाती है तब उसे स्ट्रेस और एंजायटी की समस्या रहती है। वह खुश नहीं रहती, अपनी इच्छाओं को प्रकट करना बंद कर देती है, खुद को एक्सप्लोरर करना बंद कर देती है। उसका कॉन्फिडेंस कम हो जाता है। उसकी पोटेंशियल बर्बाद जाती है। महिलाएं बहुत कुछ कर सकती हैं लेकिन सिर्फ कंट्रोलिंग बिहेवियर के कारण कुछ नहीं कर पाती। ऐसे में महिलाओं को क्या करना है कि जब छोटी-छोटी बातों पर उन्हें कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है तब आपको उस बात को प्वाइंट आउट करना है। हर बात को मानने की जरूरत नहीं है. अगर वह बात आपके लिए सही नहीं है और आपके पीछे धकेल रही है चाहे वह पति हो, पिता या भाई हो आपको बोलना है और अपने लिए स्टैंड लेना है।

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