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Consent Matters: क्यों आज भी ऐसा सोचा जाता है की लड़की की 'ना' में ही 'हाँ' है?

सबसे पहले हमें कंसेंट का कॉन्सेप्ट समझने की जरूरत है जिसके अनुसार न का मतलब हां नहीं होता है। अगर कोई भी महिला मना कर रही है तब आपका फर्ज बनता है कि आप बिना विरोध उनकी बात माने और वहां पर रुक जाए।

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Rajveer Kaur
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Consent

(Image Credit: BBC Radio)

Why Does Society Not Appreciate Consent Of Women: आपने बहुत बार सुना होगा कि बहुत बार लड़कियों के डिसीजन की वैल्यू नहीं की जाती है। यह सिर्फ शारीरिक संबंधों की बात नहीं है ब्लकि ओवरऑल हो रही हैं। जब भी कोई लड़की किसी फैसला लेती है तब उसे इग्नोर ही कर दिया जाता है। उसे इतनी वैल्यू नहीं दी जाती है और किसी भी चीज में कंसीडर ही नहीं किया जाता है। उन्हें कहा जाता है कि तुम इसके बारे में जानती हूं और अभी तुम फैसला लेने के काबिल नहीं हो। ऐसे ही व्यवहार का शिकार लड़कियां होती रहती हैं और इसे बहुत ही नॉर्मलाइज माना जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे कि क्यों लड़कियों की ना को हां मान लिया जाता है-

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क्यों आज भी ऐसा सोचा जाता है कि लड़की की ना में ही हाँ है?

Consent को समझने की जरूरत

सबसे पहले हमें कंसेंट का कॉन्सेप्ट समझने की जरूरत है जिसके अनुसार न का मतलब हां नहीं होता है। अगर कोई भी महिला मना कर रही है तब आपका फर्ज बनता है कि आप बिना विरोध उनकी बात माने और वहां पर रुक जाए। इसके आगे आपका कोई भी सवाल नहीं होना चाहिए. आपके उनके साथ जबरदस्ती करने का कोई भी अधिकार नहीं है। इसके साथ ही आप स्टीरियोटाइप सोच को भी सुधार लीजिए जिसमें यह कहा जाता है कि लड़कियां ऊपर से मना करती ही होती है और अंदर से उनका मन भी करता है। अब ज्यादातर मामलों में कंसेंट सेक्सुअल रिलेशंस में बहुत ज्यादा मैटर करती है लेकिन यह सिर्फ उसे विषय तक सीमित नहीं है।

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कंसेंट हर चीज पर अप्लाई होती है। अगर आप किसी को अपने साथ कहीं पर लेकर जाना चाहते हैं तब भी आपको उनसे पूछना चाहिए कि क्या आप मेरे साथ जाने के लिए कंफर्टेबल है? क्या हम दोनों एक साथ घूमने जा सकते हैं? अगर वह महिला मना कर रही है तो आपको उस बात को जरूर मानना चाहिए। अगर आप महिला के साथ ज्यादा ही स्मार्ट बन रहे हैं और किसी व्यक्ति की कंसेंट उस समय ले रहे हैं जब वो नींद में है या फिर उसे पूरी तरह होश नहीं है तो इसे कंसेंट नहीं माना जाता है। आप ऐसी स्थिति में किसी भी व्यक्ति की सहमति नहीं ले सकते हैं। अगर आप बिना कंसेंट के साथ किसी के साथ भी कोई दुर्व्यवहार करते हैं या फिर कोई हरकत करते हैं तो यह सेक्सुअल एसॉल्ट या फिर रेप है।

इसके साथ ही कंसेंट एक ओंगोइंग प्रोसेस है जो चलता ही रहता है। ऐसा नहीं कि अगर किसी व्यक्ति से आपने एक बार कंसेंट ली तो आपको दोबारा उसे लेने की जरूरत नहीं है। आपको हर बार और हर एक एक्टिविटी के लिए उनसे कंसेंट लेनी चाहिए। ऐसा नहीं है कि कंसेंट सिर्फ महिलाओं के लिए है यह हर किसी के लिए है।

अब हमें वह सोचना बंद करना होगा कि महिला की ना में ही हां होती है ।अगर मूवीस में अभी ऐसा दिखाया जा रहा है तो आप उन बातों को सीरियसली मत ले।।आप लड़कियों को ऑब्जेक्टिफाई करना बंद करें और उनकी चॉइस की रिस्पेक्ट करना सीखें। अगर आप किसी लड़की की चॉइस की रिस्पेक्ट करते हैं तो आपको उस लड़की से दोगुनी रिस्पेक्ट मिलेगी। आपको उनके साथ जबरदस्ती करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जब आप उनका अपमान करते हैं या फिर उन्हें डोमिनेट करते हैं तब आप उसे लड़की की नजर से अपनी इज्जत को खो देते हैं।

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