सहमति मांगने से रिश्ते में शक्ति का संतुलन बना रहता है और दोनों पक्षों को अपनी भावनाओं और जरूरतों को व्यक्त करने का अवसर मिलता है। इससे रिश्ते में विश्वास और समझ बढ़ती है और दोनों पक्षों के बीच मजबूत और स्वस्थ संबंध बनता है।
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