Why Eve-teasing Is Normal In Our Society: भारत में महिलाओं के साथ छेड़खानी बहुत ही आम है। इसे बहुत ही नॉर्मल माना जाता है क्योंकि यह धारणा है कि लड़के महिलाओं को परेशान कर सकते हैं। जब एक पुरुष की तरफ से किसी महिला को छेड़ा जाता है तब महिला की मानसिक सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। यह हादसा देखने को छोटा लग सकता है लेकिन इसका प्रभाव गहरा हो सकता है। महिला ट्रॉमा में जा सकती है। हम लोग ऐसी घटनाओं की गहराई नहीं समझते हैं। आज समाज में पुरुषों के हौसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्हें ऐसा करने में कोई शर्म नहीं आती और ना ही उनके अंदर किसी बात का डर होता है। समाज में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ का नॉर्मल होना क्यों सही नहीं हैं? चलिए जानते हैं-
क्यों आज भी समाज में Eve-teasing नार्मल है?
अगर आप आज ऐसी महिला की तलाश करेंगे जिसके साथ कभी छेड़खानी नहीं हुई है तो शायद ही कोई ऐसी महिला मिलेगी। जब से एक लड़की जवान होने लग जाती है, उसे ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है। जब वह घर आकर मां-बाप को इस बारे में बताती है तो वह अपनी बेटी के ऊपर रोक लगना शुरू कर देते हैं। उन्हें भी ऐसा ही लगता है कि हम पुरुषों को ऐसा करने से नहीं रोक सकते हैं। मर्दों को ऐसा करने का अधिकार है। आखिर, यह अधिकार उन्हें किसने दिया? अगर हम लोग उन्हें ऐसा करने की इजाजत दे रहे हैं तभी वह कर पा रहे हैं। अगर हम सब उनके खिलाफ बोलना शुरू कर दें या फिर कोई एक्शन लें तो समाज में यह सभ कम हो सकता है।
हम सब ने इस व्यवहार को नॉर्मल ही मान लिया तो शायद ही फिर इसे खत्म किया जा सकता है क्योंकि महिला की भी सोच यही बन जाती है कि उनके साथ ऐसा होना ही है। उन्हें अपना ध्यान ज्यादा रखना पड़ता है। उनके मन के अंदर डर बना ही रहता है। यह ऐसी घटनाएं हैं जो बहुत समय तक आपके मन में बैठी रह सकती हैं। आपको अपने दिन के कार्य को करने में बाधित कर सकती हैं। आप हर वक्त उस बारे में समय सोचते रहते हैं कि कैसे कोई व्यक्ति आपके साथ ऐसा व्यवहार कर सकता है? उसकी हिम्मत इतनी कैसे बढ़ गई है? यह सवाल आपको दिन-रात परेशान करते हैं। अब हमें अपनी बेटियों के साथ-साथ बेटों को भी यह समझाने की जरूरत है कि कैसे उन्हें महिलाओं के साथ पेश आना है।