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कुछ भी गलत होने पर महिलाओं को Blame करना इतना आसान क्यों?

आपने अपने आसपास देखा होगा कि जब भी कुछ गलत होता है तो हम जल्दी से उस बात की गलती महिला पर डाल देते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर बच्चा गलती कर रहा है तो हम झटपट मां के ऊपर इल्जाम लगा देते हैं।

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Rajveer Kaur
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Women

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Why It Is Easy To Blame A Women? आपने अपने आसपास देखा होगा कि जब भी कुछ गलत होता है तो हम जल्दी से उस बात की गलती महिला पर डाल देते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर बच्चा गलती कर रहा है तो हम झटपट मां के ऊपर इल्जाम लगा देते हैं। हम सब कहने लग जाते हैं कि तुम अपने बच्चों को कुछ सिखाती क्यों नहीं हो। हमारे लिए औरत पर किसी भी चीज का दोष लगाना आसान हो जाता है। अगर रिश्ता टूट जाता है तब भी औरत को कहा जाता है कि तुम इस रिश्ते को बचा सकती थी। वास्तविकता में तुम ही इस रिश्ते में नहीं रहना चाहती थी। अगर रेप होता है तो उसके कपड़ों पर सवाल उठते हैं या फिर उसके रात को घूमने को गलत ठहराया जाता है। यह सब हमारे साथ होने वाली रोजमर्रा की कुछ उदाहरणें हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि यह सब इतना आसान क्यों है? 

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कुछ भी गलत होने पर महिलाओं को Blame करना इतना आसान क्यों?

हम शुरुआत से लेकर अब तक देखें तो यह समाज मेल डोमिनेटेड रहा है। यहां पर हमेशा ही पुरुषों के पास ज्यादा हक रहे हैं। उन्हें लगता है कि उनके पास अथॉरिटी है कि वह महिलाओं को कुछ भी कह सकते हैं या फिर उनके साथ किसी तरीके का भी व्यवहार कर सकते हैं। इसलिए हमारे लिए उनके सवाल पूछना थोड़ा कठिन हो जाता है। जब बात महिलाओं की आती है तो हम उन्हें बहुत ही कोमल, नाजुक और कमजोर समझ लेते हैं। हमें लगता है कि हम आसानी से महिलाओं को टारगेट कर सकते हैं और यह हमारे सामने कुछ भी नहीं कर सकती।

लड़कियों की परवरिश ही इस तरीके से की जाती है जहां पर हम हमेशा महिलाओं को ही चुप रहना सिखाते हैं। इसके साथ ही उन्हें बताते हैं कि उन्हें कैसे कंप्रोमाइज करना है। अगर उनके साथ कुछ गलत भी हो जाता है तब भी उन्हें बताया जाता है कि इसका विरोध नहीं करना है। जब किसी लड़की के साथ कुछ भी गलत होता है तब उसके मां-बाप परिवार की तरफ से उसे यह ही सलाह दी जाती है कि बेटा अगर तुम्हें अपने आप या अपने परिवार को बचाना है तो तुम्हें यहां पर चुप रहना पड़ेगा लेकिन ऐसा क्यों है? इस तरीके के व्यवहार से लड़कियों के साथ हो रहा अन्याय  कभी भी खत्म नहीं होगा। हमने इसे बहुत ही नॉर्मलाइज कर दिया है। अगर पति अपनी पत्नी को थप्पड़ मारता है तो हमें लगता है कि रिश्ते में इतना चलता है लेकिन इतना भी क्यों चलता है? यह बात हमें बहुत गंभीरता से सोचने की जरूरत है और इस बात को समझने की भी जरूरत है कि महिलाओं के साथ होने वाला ज्यादा अन्याय इस कारण ही होता है।

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