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Periods: क्यों बच्चों के लिए जानना जरूरी है कि पीरियड्स क्या होता है

ओपिनियन: हमारे समाज में पीरियड को बहुत ही छिपाने वाली चीज के रूप में महसूस किया जाता है जिसके चलते कोई इस बारे में खुलकर बात नही करता और बच्चों से तो इसको बिल्कुल दूर रखा जाता है। आइये इस ब्लॉग में जानते हैं कि बच्चों को इसके बारे में क्यों बताना चाहिए। 

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Priya Singh
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Periods(Youtube)

Why It Is Important For Kids To Know What Periods Are (Image Credit - Youtube)

Why It Is Important For Kids To Know What Periods Are: पीरियड्स को लेकर सबके मन में बहुत से सवाल होते हैं। लेकिन भारत में लोग पीरियड्स के बारे में बहुत कम बात करना पसंद करते हैं। ज्यादातर लोग इस चीज को खुद तो अवॉयड करते ही हैं साथ ही अपने बच्चों को भी पीरियड्स से जुड़ी जानकारियों से दूर रखते हैं। पीरियड महिलाओं में होने वाली एक नार्मल प्रक्रिया है इसलिए समय आने पर हर लड़की को इसके बारे में पता चलता है। लेकिन घर में रह रहे अन्य बच्चे इससे बिल्कुल अंजान रहते हैं। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए हमारी सोसाइटी को इस चीज को नार्मल करना चाहिए और लड़कियों के साथ ही ऐज के अकार्डिंग अन्य बच्चों को भी इसकी जानकारी दी जानी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों में पीरियड्स को लेकर चीजें बचपन से ही क्लियर होंगी और उन्हें पता चलेगा कि यह महिलाओं में होने वाली एक नॉर्मल प्रक्रिया है। 

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आइये जानते हैं कि बच्चों को पीरियड्स के बारे में क्यों बताना चाहिए

1. बायोलॉजिकल अंडरस्टैंडिंग बढ़ती है

पीरियड्स के बारे में नॉलेज होने से बच्चों को ह्यूमन बायोलॉजी और रीप्रोडक्टिव हेल्थ की बेसिक समझ हो जाती है। पीरियड्स के बारे में जानने से बच्चों को उस नेचुरल बॉडी प्रॉसेस को समझने में हेल्प मिलती है जिसका एक्सपीरियंस दुनिया की आधी आबादी करती है। इसके बारे में नॉलेज होने से पीरियड्स से जुड़े डर और कंफ्यूजन को कम करने में हेल्प कर सकता है।

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2. इम्पावरमेंट को बढ़ावा मिलता है 

पीरियड्स को समझना युवा व्यक्तियों, विशेषकर लड़कियों को अपने शरीर और स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिए सशक्त बनाता है। जब बच्चों को पता चलता है कि पीरियड्स क्या है और यह क्यों होता है, तो वे अपने पीरियड साइकल को और भी अच्छे से मैनेज कर सकते हैं और अगर उन्हें कोई प्रॉब्लम होती है तो उचित सहायता ले सकते हैं।

3. मासिक धर्म वाले साथियों को सपोर्ट करना 

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पीरियड्स के बारे में जानकारी होने पर बच्चे समझते हैं कि उनके पीरियड्स वाले साथियों पर क्या बीत रही है तो वे अधिक दयालु और सपोर्टिव हो सकते हैं, जिससे एक अधिक पॉजिटिव और समझदार सोशल इनवायरमेंट तैयार हो सकता है।

4. बातचीत सामान्य बनता है   

कम उम्र से ही पीरियड्स के बारे में खुलकर बात करने को लेकर बच्चों को इनकरेज करने से यह टॉपिक कॉमन हो जाता है और बच्चों के लिए अपनी बॉडी के बारे में क्वेश्चन या कंसर्न होने पर गाईडेंस और सपोर्ट प्राप्त करना ईजी हो जाता है।

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5. लड़कों को समझने के लिए प्रिपेयर करना 

पीरियड्स को समझने से सिर्फ लड़कियों को ही फायदा नहीं होता है। लड़कों को भी पीरियड्स के बारे में नॉलेज होनी चाहिए क्योंकि इससे उनमें  सहानुभूति और समझदारी बढ़ती है। जब लड़कों को पीरियड्स के बारे में नॉलेज होती है तो वे हार्मफुल मिथ्स को बनाए रखने या लड़कियों को उनके शरीर की नेचुरल प्रोसेस के बारे में चिढ़ाने की संभावना कम होती है।

6. गलत धारणाओं से बचना 

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प्रॉपर एजुकेशन के बिना बच्चों में पीरियड्स के बारे में गलत धारणाएं डेवलप हो सकती हैं। ये मिसअंडरस्टैंडिंग्स अनावश्यक डर, चिंता या यहाँ तक कि शर्मिंदगी का कारण बन सकती हैं।

7. हेल्दी एटीट्यूड को बढ़ावा देना

बच्चों को पीरियड्स के बारे में पढ़ाना बॉडी, जेंडर और रिलेशनशिप के हेल्दी एटीट्यूड को बढ़ावा देने में सहायक है। इससे एक दूसरे के लिए जिम्मेदारी की संस्कृति और इंडिविजुअल डिफरेंसेज के लिए सम्मान को बढ़ावा देता है।

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