Why Singlehood is Not a Failure: हमारे समाज में एकल महिलाओं को ज्यादा सेलिब्रेट नहीं किया जाता है बल्कि उन्हें अधूरा कहा जाता है। आज भी बहुत सारे लोगों की यह सोच है कि एक महिला को पुरुष ही पूरा कर सकता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। आज भी महिलाएं टॉक्सिक रिलेशनशिप में रहने से ज्यादा सिंगल होना पसंद करती हैं क्योंकि उनके लिए अपनी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक सेहत मैटर करती है। उन्हें लगता है कि जितना हम एक टॉक्सिक रिलेशनशिप में समय बर्बाद कर देते हैं, उससे कहीं ज्यादा पर्सनल ग्रोथ हम सिंगल रहकर कर सकते हैं। लेकिन सिंगल रहने का कॉन्सेप्ट आज भी बहुत ज्यादा अंडररेटेड है और इसके बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है। चलिए इसके बारे में जानते हैं-
क्यों अभी भी समाज सिंगल रहना स्वीकार नहीं करता?
क्यों सिंगल रहने के बारे में ज्यादा बात नहीं होती?
सिंगल रहने के बारे में ज्यादा बातचीत नहीं की जाती है क्योंकि बहुत सारे लोगों का मानना है कि सिंगल रहने पर हम अपनी जिंदगी गुजार नहीं सकते हैं। हमें अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने के लिए किसी सहारे की जरूरत नहीं होती है। अकेले जिंदगी बहुत ज्यादा आइसोलेटेड हो जाती है या फिर हम अकेलेपन रहने का शिकार हो जाते हैं। इसके साथ ही यह भी गलतफहमी है कि सिंगल लोग नाखुश होते हैं और वे किसी भी चीज को एंजॉय नहीं कर पाते। हमारे समाज में शादी को लेकर बहुत ज्यादा ऑब्सेशन है और लोगों को लगता है कि शादी ही किसी व्यक्ति की असली सफलता है जिसके कारण सिंगलहुड के बारे में ज्यादा बात नहीं की जाती है और उसे बहुत ही नजरअंदाज किया जाता है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
सिंगल रहने से खुद के साथ बनता है बेहतर रिश्ता
सिंगल लोगों ने अपने अनुभव से यही बताया है कि उन्होंने कैसे खुद के साथ अपने रिश्ते को बेहतर किया है। जब हम दूसरों के पीछे भागते हैं और उनसे अपेक्षाएं करते हैं तो हम अपने आपके ऊपर ध्यान ही नहीं दे पाते हैं। हम खुद को समझ ही नहीं पाते हैं। हम अपनी जरूरत को नजरअंदाज करके दूसरों को खुश करने में लगे रहते हैं। लेकिन सिंगल रहने से आप खुद के साथ समय व्यतीत करते हैं जिससे आप जानते हैं कि आपकी अपनी ज़रूरतें क्या है और कैसे आप खुद को खुश रख सकते हैं। बहुत सारे व्यक्ति आसपास लोगों के होते हुए भी अकेलेपन का शिकार होते हैं और कुछ लोग अकेले रहते हुए भी खुद को भरा हुआ महसूस करते हैं। इसलिए सिंगल रहना बिलकुल भी गलत नहीं है। यह किसी व्यक्ति की पर्सनल चॉइस है और कोई भी व्यक्ति सिंगल रहने से अधूरा नहीं होता और शादी कर लेने से या रिलेशनशिप में आने से पूरा नहीं हो जाता है।