महिलाओं को Beauty With Brain क्यों कहा जाता है ?

आप सब ने महिलाओं के लिए एक बहुत ही पॉपुलर कंप्लीमेंट जरुर सुना होगा कि तुम तो ब्यूटी विद ब्रेन हो। अगर यह कहा जाएं कि यह एक कंप्लीमेंट नहीं है बल्कि महिलाओं को एक प्रकार से मजाक बनाया जा रहा है तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे।

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Rajveer Kaur
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Harnaaz Sandhu (Pinterest)

Women Labeled as Beauty with Brain (Image Credit: Pinterest)

Women Labeled as Beauty with Brain: आप सब ने महिलाओं के लिए एक बहुत ही पॉपुलर कंप्लीमेंट जरुर सुना होगा कि तुम तो ब्यूटी विद ब्रेन हो। अगर यह कहा जाएं कि यह एक कंप्लीमेंट नहीं है बल्कि महिलाओं को एक प्रकार से मजाक बनाया जा रहा है तो शायद आप यकीन नहीं करेंगे। यह सच्चाई है इस phrase का मतलब यह निकलता है कि अक्सर जो महिलाएं सुंदर होती हैं वे बुद्धिमान नहीं होती। जिस महिला को यह कंप्लीमेंट दिया जाता है उसे रेयर केस माना जाता है कि आमतौर पर तो सुंदर महिलाएं बुद्धिमान नहीं होती लेकिन तुम हो।

महिलाओं को Beauty with Brain क्यों कहा जाता है?

कब तक महिलाएं कम बुद्धिमान समझी जाएंगी ?

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आमतौर पर समाज  महिलाओं को कम बुद्धिमान या फिर बुद्धिमान समझा ही नहीं जाता। ऐसी बहुत सारी  अवधारणाएं हैं कि महिलाओं का पॉलिटिक्स में इंटरेस्ट नहीं होता या फिर उन्हें क्रिकेट नहीं पसंद। यहां पर एक बात बिल्कुल क्लियर हो जानी चाहिए कि किसी का इंटरेस्ट जेंडर के हिसाब से नहीं होता।

आपने अक्सर देखा होगा कि जब चार पुरुष साथ में बैठकर बात कर रहे हैं और महिला उस बात में इंट्रस्ट दिखा दे तो अक्सर बड़े प्यार से यह कह दिया जाता है तुम्हें यह बात समझ नहीं आएगी। ऐसा क्यों है? जब तक आप महिला से बात नहीं करोगे तब तक उसे बात कैसे समझ आएगी? आज भी कॉरपोरेट कल्चर या फिर कहीं भी आप देख लीजिए महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार अभी भी होता है। महिला हर सेक्टर में चाहे पॉलिटिक्स, क्रिकेट, इकोनॉमिक्स, बिजनेस और एंटरप्रेन्योरशिप में आगे बढ़ रही है लेकिन ऐसी सोच अभी भी हमारे समाज का हिस्सा है।

बदलाव लाने की जरूरत

ऐसी सोच और स्टीरियोटाइपस जो समाज में बनी हुई हैं उन्हें खत्म करने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले अगर कोई भी ऐसी बात करता है उसे तुरंत प्वाइंट आउट कर देना  चाहिए। उसे बताना चाहिए कि ऐसी बातें कंप्लीमेंट नहीं हैं आप किसी को नीचा दिखा कर खुद ऊपर नहीं हो सकते। दूसरी बात महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा अवेयरनेस  और अपनी आवाज उठाने की जरूरत है। ऐसी घटनाएं उनके साथ होती रहेंगी लेकिन बदलाव तब आएगा जब हम पलट के इन चीजों का जवाब देना शुरू करेंगे। इसके साथ ही हमारी आने वाली जनरेशन को इन बातों से दूर रखा जाए और उनके अंदर जेंडर न्यूट्रॅलिटी भरनी चाहिए ना कि जेंडर बॉयस।