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Photograph: (Pinterest)
In Summer, Adopt These Tricks To Make The Water In The Pot As Cold As The Fridge: गर्मियों में मटके यानी घड़े का पानी पीना न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होता है, बल्कि यह हमें बीमारियों से भी बचाता है और प्राकृतिक तरीके से शरीर को ठंडक भी देने में मदद करता है। लेकिन जब तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो लोग चाहते हैं कि मटके का पानी भी फ्रिज के जितना ठंडा हो जाए वो भी बिना बिजली के, तो आइए जानते हैं कुछ आसान और घरेलू ट्रिक्स, जिनसे आप मटके के पानी को और भी ठंडा बना सकते हैं।
गर्मियों में मटके के पानी को फ्रिज जितना ठंडा करने के लिए अपनाएं ये ट्रिक्स
1. मटके को ठंडी और हवादार जगह पर रखें
आप हमेशा मटके को किसी ठंडी, छायादार और हवादार जगह पर ही रखें, जैसे कि बरामदा या किचन के किसी कोने में जहां हवा का बहाव अच्छा हो क्योंकि हवा जितना अच्छा होगा, पानी उतना जल्दी और ठंडा होगा।
2. मटके को गीले सूती कपड़े से लपेटें
मटके को एक गीले सूती कपड़े या किसी पुरानी गीली साड़ी से अच्छे से लपेट दें। और इस पर समय-समय पर पानी छिड़कते रहें। क्योंकि जब हवा गीले कपड़े से टकराती है तो वह भाप बनकर उड़ती है और मटके को ठंडा करती है। इसे इवापोरेटिव कूलिंग कहते हैं।
3. मटके को रेत से घिरे किसी गड्ढे में रखें
अगर आपके घर में थोड़ी जगह है तो ज़मीन में थोड़ा गड्ढा बनाएं। उसमें रेत भरें और रेत को हल्का गीला रखें। अब मटके को उसमें रख दें। यह तरीका पारंपरिक कूलिंग सिस्टम जैसा काम करता है और पानी को लंबे समय तक ठंडा रखने में मदद करता है।
4. मटके के नीचे लकड़ी या फिर किसी स्टैंड का इस्तेमाल करें
आप मटके को ज़मीन पर सीधा रखने के बजाय किसी लकड़ी या स्टैंड का इस्तेमाल करें। क्योंकि ऐसा करने से मटके के नीचे से हवा का प्रवाह अच्छा होता है, जिससे पानी जल्दी ठंडा होगा।
5. मटके के साथ मिट्टी का स्टैंड या फिर कोई छोटा घड़ा भी रख सकते हैं
आप दो मटके या घड़े एक साथ रखें, एक घड़े में पानी, और दूसरे में सिर्फ गीली रेत या फिर पानी रखें। ऐसा करने से आसपास का वातावरण ठंडा बना रहता है और आपका पानी वाला मटका भी ठंडा रहेगा।
जरूरी टिप्स अपनाएं
आप अपने मटके को रोज़ाना साफ करें ताकि उसकी मिट्टी के छिद्र खुले रहें और ठंडक हमेशा बनी रहे।
मटका अगर नया हो तो उसे 24 घंटे तक पानी में भिगोकर रखें, इससे उसका कूलिंग इफेक्ट और बढ़ जाता है।
ध्यान रहें कि मटके के ऊपर ढक्कन भी मिट्टी का या लकड़ी का ही रखें, प्लास्टिक का इस्तेमाल न करें।