Relationship Tips: रिलेशनशिप में अक्सर दोनों पार्टनर्स के बीच प्यार और तकरार होना एक आम बात होती है। लेकिन इस लड़ाई के बीच कुछ लोग अपने पार्टनर से ऐसी बातें कह जाते हैं जो उनके दिमाग में घर कर जाती हैं। लेकिन उन्हें ऐसा नही करना चाहिए क्योंकि ये उनके रिश्ते को बिगाड़ सकती हैं और उनके पार्टनर के लिए समस्या पैदा कर सकती हैं। लड़ाई या नोक-झोक किसी भी रिश्ते का स्वाभाविक हिस्सा है, लेकिन यह बात बहुत महत्वपूर्ण है कि आप उसे कैसे सम्भालते हैं। रिश्ते में एक सहायक और सम्मानजनक माहौल को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है इससे आपका रिश्ता मजबूत होगा। लेकिन इस बात का ख़ास ख्याल रखें कि कभी भी लड़ाई-झगड़े के बीच में अपने पार्टनर्स से ऐसी बातें का कहें जिससे उन्हें समस्या हो या फिर उन्हें ठेस पहुंचे। ऐसा माहौल बनाएं जहां दोनों पार्टनर्स खुद को समझ सकें और समाधान भी निकाल सकें। आइये जानते हैं कि आखिर कौन सी बातें अपने पार्टनर्स को नही कहनी चाहिए।
जानिए लड़ाई के दौरान अपने पार्टनर्स को क्या नहीं बोलना चाहिए
1. व्यक्तिगत हमलों से बचें
अपने साथी के प्रति अपमानजनक भाषा, इनसल्ट करना या अपमानजनक टिप्पणियों का उपयोग करने से बचें। उनके कैरेक्टर या दिखावे पर कुछ भी बोलने के बजाय प्रेजेंट बातों पर ध्यान केंद्रित करें।
2. पार्टनर की फीलिंग्स को मना न करें
हर किसी की फीलिंग्स और दृष्टिकोण वैलिड हैं। अपने पार्टनर के इमोशंस को ना मानना या कम करना उन्हें अनसुना महसूस करा सकता है और लड़ाई को और बुरा बना सकता है । उनके पॉइंट ऑफ़ व्यू को समझने के लिए इम्पैथी और एक्टिव लिसनिंग का अभ्यास करें।
3. पिछले इश्यूज को बीच में न लाएँ
पास्ट के इश्यूज को बीच में न लायें और कोशिश करें कि जिस बात पर आप अभी असहमत हैं उस पर बात करें। पुरानी शिकायतों को दोबारा दोहराने से अच्छा है कि एक टाइम पर एक ही प्रॉब्लम सॉल्व करना ज्यादा इफेक्टिव है।
4. जिम्मेदारी लेने से ना बचें
लड़ाई के बाद भी अपनी भूमिका स्वीकार करें और अपने काम या फिर जो आपने बोला है उसकी जिम्मेदारी लें। खुद को डिफेन्स करने से बचें और यह समझने के लिए खुले रहें कि आपके व्यवहार ने लड़ाई में कैसे योगदान दिया हैं और उस चीज को सुधारने पर विचार करें।
5. एक दूसरे से बात करना बंद न करें
बातचीत बंद करना और अपने पार्टनर को अवॉइड करने से कंडीशन और भी ज्यादा ख़राब हो सकती है और अधिक टेंशन पैदा कर सकता है। बजाय इसके,अपनी फीलिंग्स और कन्सर्न्स को खुलकर पार्टनर से शेयर करें।
6. चिल्लाने और शारीरिक हिंसा से बचें
किसी रिश्ते में शारीरिक हिंसा, चिल्लाना या आक्रामक व्यवहार कभी भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। दोनों पार्टनर्स के लिए एक सेफ और रिस्पेक्ट फुल वातावरण बनाए रखना जरूरी है। यदि इमोशंस इस हद तक बढ़ जाती हैं कि आप असुरक्षित महसूस करने लगते हैं तो अस्थायी रूप से खुद को उस स्थिति से दूर करना आवश्यक हो सकता है।
7. गुस्से में कोई भी निर्णय न लें
तुरंत तुरंत हुई बहस रिश्ते को ख़त्म करने या जीवन में बड़े बदलाव करने जैसी कई चीजों में निर्णय लेने से बचना सबसे अच्छा है। इमोशंस आपकी योजनाओं पर असर डाल सकते हैं। इसलिए कोई भी कोई इम्पोर्टेंट डिसीजन लेने से पहले शांत होने और विचार करने के लिए समय निकालें।