How Shared Responsibilities Can Solve Common Relationship Problems: आजकल रिलेशनशिप की डेफिनेशन बहुत बदल गई है और महिलाओं के ऊपर बोझ बहुत बढ़ गया है। पहले के समय महिलाओं के ऊपर सिर्फ घर की जिम्मेदारी होती थी और पुरुष कमाई करने के लिए जाते थे लेकिन इसमें भी एक बहुत बड़ा फ्रॉड था। महिलाओं को उनकी मर्जी से जीने नहीं दिया जाता था। वे हर एक पैसे के लिए अपने पार्टनर के ऊपर निर्भर होती थी। इसके साथ ही उन्हें रिश्ते में सम्मान नहीं मिलता है लेकिन आज के समय में भी हालत ज्यादा कुछ नहीं बदले हैं। आज अगर महिलाएं घर से बाहर निकल रही हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि रिश्ते में उन्हें बराबरी का दर्जा मिल गया है। चलिए इस बात को समझते हैं-
क्यों रिश्ते में जिम्मेदारियां 50-50 होनी चाहिए?
आज के समय में रिलेशनशिप के ऊपर बात करने की जरूरत है कि कैसे रिश्ते में हर जिम्मेदारी का बोझ आधा-आधा होना चाहिए क्योंकि महिलाओं के ऊपर बोझ बहुत बढ़ता जा रहा है। आज के समय में वर्किंग महिला होना आसान नहीं है क्योंकि उनके ऊपर घर की जिम्मेदारियां का बोझ भी होता है। ऐसे में अगर महिला खाना बना रही है तो पुरुष बर्तन साफ कर सकते है या फिर कपड़े धो सकते हैं। इसके साथ ही अगर महिला बच्चे को संभाल रही है तो पुरुष उसके लिए दूध गर्म कर सकते हैं। ऐसा जरूरी नहीं कि रात में सिर्फ बच्चे की देखभाल के लिए महिला को ही जागना है। कभी-कभी पुरुष भी उसका ध्यान रख सकते हैं। इस तरह महिलाओं के उपर से बहुत सारा प्रेशर कम हो सकता है।
इस तरह रिश्ते में महिलाओं को अपना बराबरी का दर्जा भी मिल जाएगा। ऐसा नहीं होगा कि रिश्ते में सिर्फ पावर पुरुषों के हाथ में ही होगी। किसी भी रिश्ते को सफल बनाने के लिए दोनों पार्टनर्स के एफर्ट्स बहुत जरूरी होते हैं और दोनों का ही फैसला लेने में हाथ होना चाहिए। यह जिम्मेदारी पुरुषों की बनती है कि वह इस बात को निश्चित करें कि रिश्ते में महिलाओं को हर चीज में हिस्सेदारी का मौका मिले। ऐसा नहीं है कि महिलाओं के ऊपर जिम्मेदारों का बोझ बढ़ता जाए और पावर सिर्फ पुरुषों के हाथ में रहे। अगर पुरुष पावर का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वे महिलाओं के पास भी होनी चाहिए और अगर महिलाओं को जिम्मेदारियां का बोझ उठाना पड़ रहा है तो पुरुषों को भी इसमें महिलाओं का साथ देना चाहिए।