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Relationship: कमिट होने से पहले दोबारा सोचने में बुराई ही क्या है

एक नया रिश्ता शुरू करना रोमैंटिक हो सकता है, लेकिन अगर आप कुछ समय पहले ही ब्रेकअप से गुज़रे हैं अपने पहले रिश्ते से पूरी तरह उभर नहीं पाए हैं तो यह पॉसिब्ली रीबाउंड रिलेशन हो सकता है।

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Rajveer Kaur
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ranveer_deepika (Hindustan Times)

Is It Bad To Rethink Before Committing (Image Credit: Hindustan Times)

Is It Bad To Rethink Before Committing: कुछ लोगों  के लिए रिबाउंड रिलेशनशिप मुश्किल है और कुछ के लिए प्रोब्लेमैटिक। कई लोग इसे डिस्ट्रैक्शन की तरह लेते हैं लेकिन एक मुश्किल रिश्ते के बाद यह रिश्ता हीलिंग प्रोसेस में निश्चित रूप से काम करेगा। इससे हमें पता चलता है कि हमारा मॉडर्न डेटिंग कल्चर कैसे रोमांटिक रिश्तों के अलग-अलग आस्पेक्ट्स को लेबल और केटेग्राइज़ करता है। इन लेबल्स से हम तब ज़्यादा जुड़ते हैं जब किसी अपने या मशहूर हस्तियों को इन अनुभवों में देखते हैं।

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एक लाइसेंस्ड ​​सामाजिक कार्यकर्ता, मिकाएला स्टीन के अनुसार, एक रिबाउंड रिलेशन रिलेशनशिप ऐसा रिश्ता है जो कि पिछले रिश्ते के रिएक्शन के तौर पर बनता है, जिसमें एक या दोनों साथी अभी भी अपने पिछले ब्रेकअप के इमोशनल बैगेज से जूझ रहे होते हैं। आसान शब्दों में, एक नया रिश्ता शुरू करना रोमैंटिक हो सकता है, लेकिन अगर आप कुछ समय पहले ही ब्रेकअप से गुज़रे हैं अपने पहले रिश्ते से पूरी तरह उभर नहीं पाए हैं तो यह पॉसिब्ली रीबाउंड रिलेशन हो सकता है।

Relationship: कमिट होने से पहले दोबारा सोचने में बुराई ही क्या है

क्यों होता है ऐसा?

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एक रिलेशनशिप में इमोशनल और फिजिकल जिम्मेदारियों से लेकर फिनेन्शिअल जिम्मेदारियों का एक जाल है। और ब्रेकअप एक दर्दनाक एक्सपीरियंस हो सकता है। दुःख सिर्फ अपने प्यार से अलग होने का नहीं होता बल्कि ज़िंदगी में जो खालीपन रह जाता है, भी दुख देता है। हालाँकि, एक डिफिकल्ट ब्रेकअप के बाद, कई लोग फिर से एक गंभीर रिश्ते में आने से झिझकते हैं इसका कारण शायद इसके साथ आने वाले संभावित दर्द और नुकसान भी हो सकता है। फिर भी, वे प्यार, सपोर्ट, केयर और इमोशनल फुलफिलमेंट के लिए तरसते हैं।

कैसे करता है इम्पैक्ट ?

ब्रेकअप पर्सन को अकेला, कन्फ्यूज्ड और असुरक्षित महसूस करवा सकता है। यह इंसान को बदल सकता है और इससे जुड़ी चीज़ें वेलिडेशन, सहयोग और डिस्ट्रैक्शन चाहतीं हैं। वे इन चीजों को किसी नए व्यक्ति या नए रिश्ते में ढूंढ सकते हैं। कई बार, इन जरूरतों को पूरा करने की चाह में, वे तुरंत यह नहीं सोचते कि इस व्यवहार का दूसरे व्यक्ति पर शार्ट टर्म या लॉन्ग टर्म में क्या प्रभाव पड़ सकता है।

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असल में, हम सभी अपने साथ पिछले रिश्तों का बोझ और अनसुलझे दर्द लेकर चलते हैं। ब्रेकअप से उबरने वाले व्यक्ति नए रिश्ते में दूसरे व्यक्ति के समान स्थिति में आने में अधिक समय सकते हैं। अगर आप ऐसे साथी को वैल्यू करते हैं जो आपके समान स्थिति में हो, तो सिचुएशन रिश्ते को काफी अनप्रेडिक्टेबल बना सकती है।

लाइसेंस्ड मैरिज और फॅमिली थैरेपिस्ट डॉ. जेन मान के अनुसार, अगर आप सोच समझ कर किसी के साथ रिबाउंड रिलेशनशिप में आने का निर्णय लेते हैं,  तो स्पष्ट सीमाएँ तय करके अपनी प्रोटेक्शन करना जरुरी है। ऐसा अज्युम न करें कि दूसरा व्यक्ति तुरंत एक गहरा, लॉन्ग-टर्म रेकशन बना सकेगा और आपके लिए हमेशा अवेलेबल रह सकेगा , या एक स्थायी रिश्ते के लिए कमिट हो सकेगा।

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