Why It Is Only Up To Women To Maintain The Relationship: आपने अक्सर ही सुना होगा कि लड़कियां जब बड़ी होती है या फिर उनकी शादी की जाती है तो हमेशा यह कहा जाता है कि बेटी, घर को जोड़कर रखना तुम्हारी जिम्मेदारी है। अगर कोई भी बात होती है तो तुम्हें आगे जवाब नहीं देना है क्योंकि इससे रिश्ता टूट सकता है और यह एक महिला की ही जिम्मेदारी होती है। शायद आप लोग इस बात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं कि इसके कारण महिलाएं कितने ज्यादा प्रेशर में रहती हैं और उनके साथ हो रहे अन्याय को भी सहन करती रहती हैं। उन्हें लगता है कि अगर वह इस के खिलाफ आवाज उठाएंगी तो लोग उन्हें ही गलत समझेंगे और घर तोड़ने का दोष उन पर आ जाएगा तो आज हम इस के ऊपर बात करेंगे-
क्यों घर को जोड़कर रखने का प्रेशर सिर्फ महिलाओं पर?
सबसे पहले हमें इस बात को समझने की जरूरत है कि परिवार को जोड़कर रखने की जिम्मेदारी सिर्फ महिला की नहीं होती है। यह दोनों की तरफ से होता है। अगर आपके रिश्ते में शांति, खुशी और समझ ही नहीं है तो ऐसे रिश्ते में रहने का कोई फायदा नहीं है लेकिन समाज में ऐसा माना जाता है कि रिश्ते को कभी भी तोड़ना नहीं है चाहे आप आपके साथ गलत ही हो रहा है। इसके कारण बहुत सारी महिलाएं गलत व्यवहार का शिकार होती हैं। कई बार उनकी जान भी चली जाती हैं। महिलाएं इस बात से डरती हैं कि कहीं उनके कारण घर न टूट जाए। हमारे समाज को यह सही लगता है कि एक लड़की ने प्रताड़ना का शिकार होकर अपनी जान दे दी लेकिन उन्हें यह सही नहीं लगता कि एक लड़की ने अपने लिए स्टैंड लिया और टॉक्सिक व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई।
यह जो समाज में गलत प्रथाएं चली आ रही हैं, इसके कारण महिलाओं के साथ सदियों से गलत हो रहा है,. आज हमें अपनी बेटियों को यह शिक्षा देने की जरूरत है कि रिश्ते में एफर्ट्स दोनों तरफ से होते हैं। आप अकेले अगर सब कुछ कर रहे हैं तो वह वो रिश्ता आपके लिए सही नहीं है। आप उस रिश्ते के काबिल नहीं है। अगर आपके साथ गलत हो रहा है और उसके कारण रिश्ता टूट जाता है तो इससे अच्छी कोई बात नहीं हो सकती है क्योंकि एक टॉक्सिक और हिंसक रहते में रहने से अच्छा है कि आप एक शांति और सुकून भरी जिंदगी जिएं जिसमें आपको प्रायोरिटी मिले।
महिलाओं को कभी भी इस बार के लिए शर्मिंदा होने की जरूरत नहीं है कि उनकी वजह से रिश्ता टूट गया या पर उन्होंने गलत किया। समाज में माहौल ही ऐसा बन गया है जिसके कारण आपको ऐसा लगता है क्योंकि यहां पर महिलाओं से ही हमेशा कंप्रोमाइज की अपेक्षा की जाती है। इसलिए जब भी आप गलत के खिलाफ स्टैंड ले रहे हैं तो आपको खुद के लिए गिल्टी महसूस करने की जरूरत नहीं है. इसके लिए आपको खुद पर गर्व होना चाहिए कि मैं विक्टिम न बनकर, स्ट्रांग होकर खुद का स्टैंड लिया और उस टॉक्सिक रिश्ते को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।