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Tips For Parents: कैसे बनाएं बच्चे को इमोशनली इंटेलीजेंट?

revolutionist/blog: जब आपका बच्चा अपसेट हों खासतौर पर आपके कुछ कहने पर तो उसके उपर चीखने या चिल्लाने के वजह उसे समझाइए की वह पहले से अपसेट है। उसके सामने हमदर्दी जताएं उसे बताएं की जब वह दुखी होता है तब आप भी दुखी होती है-

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Vaishali Garg
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Tips For Parents

Tips For Parents: पेरेंट्स की रेस्पोंसिबिलिटी होती है की वह अपने बच्चे के अंदर इंटेलिजेंस डिवेलप करने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करें। इंटेलिजेंस का मतलब केवल एकेडमिक इंटेलिजेंस से नहीं है। इंटेलिजेंस के कई और मतलब भी हो सकते हैं जैसे की इमोशनल इंटेलिजेंस।

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इमोशनल इंटेलिजेंस का मतलब है अपनी फीलिंगस को मैनेज और एक्सप्रेस करने की एबिलिटी डेवलप करना इसके साथ-साथ दूसरे व्यक्ति की फीलिंग का भी ध्यान रखना। यह स्किल बच्चा किसी भी एज में डिवेलप कर सकता है। साइकोलॉजिस्ट का कहना है बच्चे के अंदर इमोशनल इंटेलिजेंस स्किल डिवेलप करने से कई तरह के फायदे हो सकते हैं यह स्किल जीवन भर बच्चे का सहयोग करती है। हम आपको बताएंगे उन तरीकों के बारे में जिनकी मदद से बच्चे के अंदर इमोशनल इंटेलिजेंस को डिवेलप किया जा सकता है।

4 ways to develop emotional intelligence in child

1. अपने बच्चे के इमोशंस को पहचाने

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बच्चे चाहते है की आप उनके इमोशंस के बारे में जाने उन्हें पहचाने। आप अपने बच्चे की मदद कर सकते है उनके इमोशंस को नाम देकर जैसे की जब वह उदास हो तब उनसे बोलना चाहिए की आज गार्डन नहीं गए इस लिए उदास हो ऐसा करने से वह समझ पाएंगे की उन्हें दूसरों के साथ किस तरह बिहेव करना है।

2. हमदर्दी जताएं

जब आपका बच्चा अपसेट हों खासतौर पर आपके कुछ कहने पर तो उसके उपर चीखने या चिल्लाने के वजह उसे समझाइए की वह पहले से अपसेट है। उसके सामने हमदर्दी जताएं उसे बताएं की जब वह दुखी होता है तब आप भी दुखी होती है। तो उन्हें बताएं उनके पेरेंट्स को उनकी इमोशंस की कद्र है ऐसा करने से वह अपनी फीलिंग्स आपसे शेयर करेंगे।

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3. रोल मॉडल बनें

अपने बच्चो को सिखाएं सोशली किस तरह अपने इमोशंस को कंट्रोल करना चाइए क्यूंकि जैसा आप करेंगे बच्चे वही सीखेंगे। उनपर चिल्लाने की जगह उन्हें बताएं की आप हर्ट हुए है या दुःखी फेस बना सकते है। माना जाता है यदि पेरेंट्स इमोशनली स्ट्रांग होते है तो बच्चा भी इमोशनली स्ट्रांग होगा।

4. प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल डेवेलप करें

इमोशनली इंटेलीजेंस स्किल डेवेलप करने के साथ साथ बच्चो को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल के बारे में भी बताना चाहिए। जब बच्चा कोई मिस्टेक करता है तब उसके सामने ट्यूटर की तरह पेश आएं बच्चे से पूछें की इस मिस्टेक को किस तरह सुधारा जा सकता है नाकि खुद उस प्रॉब्लम  को सोल्व करें।

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