Breastfeeding: विशेषज्ञों के मुताबिक छह महीने से नीचे केे शिशुओं को मां का दूध पिलाना बहुत जरूरी होता है। इस समय बोतल से दूध पिलाने से बचें। छह माह से नीचे के बच्चे अगर मां का दूध पीने से मना करते हैं तो ये एक गंभीर विषय बन जाता है। ऐसे में मां को चाहिए कि वो शिशु को डॉक्टर को दिखाएं। आमतौर पर बहुत से कारण होते हैं कि शिशु मां का दूध पीने से मना कर देता है। ऐसे में इस चीज को हल्के में न लें।
बोतल का दूध शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। शिशुओं के लिए मां का दूध ही जरूरी है। जब शिशु मां के दूूध को पीने से मना कर देता है या किसी तरह की इच्छा नहीं दिखाता, रोने लग जाता है, हाथ-पैर मारने लग जाता है, तो हल्के में न लें।
क्यों नहीं पी रहा शिशु मां का दूध
अगर शिशु मां का दूध नहीं पी रहा है तो इसके निम्न कारण हो सकते हैं, आइए जानें :-
गलत पोजिशन में पिलाना
सबसे पहले तो जरूरी है मां अपने शिशु को सही पोजिशन में दूध पिलाए। हर मां के लिए शिशुओं को दूध पिलाना एक कठिन प्रक्रिया होती है। अभ्यास से इस प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो एक मां को शिशु को दूध पिलाते समय सीधा न रखकर शिशु के सिर का हिस्सा ऊंचा रखना है और उसका सिर आपके स्तनों की सीध में आना चाहिए। गलत पोजिशन में दूध पिलाने से शिशु दूध पीने के समय में इंकार कर देता है।
पेट में समस्या के कारण
कई बार शिशु दूध पीने के लिए इसलिए भी इंकार कर देता है कि उसे पेट में किसी तरह की समस्या हो सकता है। पेट खराब होने या दर्द होने पर भी शिशु दूध नहीं पीता। ऐसे में जरूरी है शिशु के स्वास्थ्य का चेकअप कराएं या डॉक्टर से संपर्क करें। बहुत बार ज्यादा दूध पी जाने और पेट भर जाने के चलते भी शिशु दूध पीने से इंकार कर देता है। कई बार दूध से एलर्जी होने के चलते भी शिशु दूध पीने से इंकार कर देता है। मां को चाहिए कि शिशु के स्वास्थ्य के प्रति ऐसे में सचेत रहे।
किसी अन्य शारीरिक समस्या
बहुत बार अन्य किसी शारीरिक समस्या के चलते भी शिशु दूध पीने से इंकार कर देता है। इन शारीरिक समस्याओँ में शिशु को सांस लेने में तकलीफ, शरीर के किसी हिस्से में दर्द और अन्य समस्या शामिल है। शिशु के दूध ने पीने में ऐसे में डॉक्टर को दिखाएं।
मां के दूध का प्रवाह
कई बार मां के दूध का प्रवाह भी शिशु को दूध पीने से इंकार का एक कारण है। बहुत ज्यादा दूध आना या बहुत कम दूध आना दोनों ही शिशु को दूध पीने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर समस्या का हल निकालें।
उपर्युक्त कारणों के चलते शिशु दूध पीने में असमंजस की स्थिति में होता है। अगर दूध पीने से जुड़ी कोई भी समस्या शिशु में दिखे तो बिना देरी किेए नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें। शिशु के स्वास्थ्य को अनदेखा न करें।