Coping with Difficult Family Relationships: भारतीय समाज में परिवार को हम सबसे उच्च दर्जा देते हैं जिसमें हमारे माता-पिता और भाई-बहन सभी शामिल होते हैं। हम उन्हें जीवन के सभी अच्छे या बुरे पलों में शामिल करते हैं। परिवार को लेकर एक धारणा है कि ये हमेशा अच्छा ही होता है। एक समय पर सभी साथ छोड़ जाते हैं लेकिन परिवार कभी भी साथ नहीं छोड़ता है लेकिन परिवार के साथ भी आपका रिश्ता मुश्किल हो सकता है। आपके और उनके बीच में दूरियां हो सकती हैं और घर में माहौल टॉक्सिक हो सकता है। आप में से शायद कुछ लोग नहीं मानेंगे लेकिन ऐसा बहुत सारे परिवारों में होता है। आज हम इसके ऊपर बात करेंगे -
परिवार के मुश्किल लोगों के साथ कैसे डील करें?
स्ट्रेस मैनेजमेंट
परिवार के मुश्किल लोगों के साथ डील करना बहुत ज्यादा स्ट्रेसफुल हो सकता है। इससे आपकी मेंटल हेल्थ जरूर प्रभावित होगी। इसलिए आपको स्ट्रेस मैनेजमेंट की तरफ ध्यान देना चाहिए क्योंकि कई बार ऐसे फैमिली मेंबर्स के साथ रहना चैलेंजिंग हो जाता है। ऐसे में आप उन लोगों से दूरी बनाकर रखें। आप अपनी इंद्रियों पर भरोसा रखें। आप अपने किसी अच्छे दोस्त के साथ बात कर सकते हैं। मेडिटेशन या फिर जर्नल का भी सहारा ले सकते हैं। इसके अलावा आप म्यूजिक सुन सकते हैं। इससे आप ऐसे लोगों से ध्यान हटा सकते हैं।
बाउंड्रीज
फैमिली मेंबर्स हो या फिर पार्टनर बाउंड्रीज बनाना बहुत जरूरी हो जाता है, नहीं तो रिश्ते में कड़वाहट आना स्वाभाविक है। इसलिए आप अपने टॉक्सिक परिवारिक मेंबरों के साथ बाउंड्रीज बनाकर रखें और स्पष्ट रूप से उन्हें बताएं। अगर आपकी उनके साथ किसी भी बात पर सहमति नहीं है तो आप उनकी ऐसी बातचीत से दूरी बना सकते हैं। आप उन्हें अपनी पर्सनल स्पेस में दखलअंदाजी मत करने दें। जब भी बात काबू से बाहर हो जाए तब आप उनसे दूरी बनाने की कोशिश जरूर करें।
इमोशनल इंटेलिजेंस
इमोशनल इंटेलिजेंस से आप बहुत सारे रिश्तो में बैलेंस बना सकते हैं क्योंकि आप खुद को जानने लगते हैं। आप अपने ऊपर कंट्रोल रख सकते हैं। आपके रिश्ते में बैलेंस बनना शुरू हो जाता है। आप अपने इमोशंस में बहने की बजाय उन्हें मैनेज करते हैं। आपको पता है कि कब आपको रिएक्ट करना है। आप चीजों को ध्यान से सुनते हैं और उसके बाद respond करते हैं। आप जल्दबाजी नहीं करते हैं और न ही गुस्से में फैसला लेते हैं। आप हर बात को कम्युनिकेशन से सुलझाने की कोशिश करते हैं।
बदलने की कोशिश मत करें
आप दूसरों को बदलने की कोशिश मत करें। ऐसा करने से आपकी एनर्जी ही खत्म होगी और आपके बहुत सारे एफर्ट लगेंगे लेकिन व्यक्ति को बदलने में नाकामयाब ही रहेंगे। आप किसी के व्यवहार को नहीं बदल सकते हैं। यह आपके कंट्रोल में नहीं है। आप खुद को उनसे दूर कर सकते हैं या फिर उनके व्यवहार के पैटर्न को समझ सकते हैं। इसके साथ ही उनके ट्रिगर्स की पहचान सकते हैं । थेरेपी या फिर सपोर्ट की मदद से ऐसा होना संभव है। इसलिए आप स्थिति को स्वीकार करें।