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Parenting Tips: बच्चों के ऊपर वायलेंस का क्या प्रभाव पड़ता है?

कई घरों में देखा जाता है कि बड़ों के बीच में काफी ज्यादा लड़ाई झगड़े होते हैं या फिर माता-पिता के बीच भी बहस और वायलेंस देखा जाता है। आइये जानते हैं कि बच्चों के ऊपर वायलेंस का क्या प्रभाव पड़ता है?

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Anshika Pandey
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Trauma

(Image Credit: File Image)

Effect Of Violance On Kids: कई घरों में देखा जाता है कि बड़ों के बीच में काफी ज्यादा लड़ाई झगड़े होते हैं या फिर माता-पिता के बीच भी बहस और वायलेंस देखा जाता है। इस प्रकार के दृश्य अक्सर घर वालों को इकट्ठा कर देते हैं और बच्चे हों या बूढ़े सभी कहीं ना कहीं इससे अवगत हो जाते हैं। आइये जानते हैं कि बच्चों के ऊपर वायलेंस का क्या प्रभाव पड़ता है? 

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बच्चों के ऊपर वायलेंस का क्या प्रभाव पड़ता है?

घर में जब माता-पिता या फिर बड़े किसी भी प्रकार का बहस करते हैं। तो बच्चों के मन में यह बात आती है कि हर चीज का हल केवल वायलेंस ही होता है। किसी बात को सुलझाने के लिए शांति से बात करने के बजाय वह भी वायलेंस की अपनाते हैं। यह उनकी आदत में इतना ढल जाता है कि कहीं ना कहीं वह भी वायलेंस का शिकार होते हैं या लोगों को वायलेंस का शिकार बना देते हैं। 

बच्चों में भी कई बार ऐसी लड़ाई-झगड़े देखकर अपने माता या पिता की तरफ एक अलग प्रकार का गुस्सा मन में बैठ जाता है। जिससे रिश्ते खराब हो जाते हैं। कई बार माता या पिता के प्रति मन में डर भी बैठ जाता है। यह भी केवल वायलेंस के कारण ही होता है। 

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बच्चों को बैलेंस से दूर कैसे रखें 

हमेशा कोशिश करें कि जब भी घर में किसी भी प्रकार की लड़ाई या बहस हो बच्चों को उससे दूर रखें और उन्हें इसके बारे में पता न चलने दें। कई बार देखा जाता है कि घर में लड़ाई झगड़ा होने पर बच्चे खुद को अलग करने लग जाते हैं। यह उनमें एक चाइल्डहुड ट्रॉमा का रूप भी ले सकता है।

केवल घर में ही नहीं यह भी जरूरी है कि आप ध्यान दें कि आपके बच्चे के आसपास कहीं स्कूल, ट्यूशन या प्ले ग्राउंड आदि में किसी भी प्रकार का वायलेंस ना हो क्योंकि यह भी उनकी प्रवृत्ति को धीरे-धीरे बदल सकता है।

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घर में वायलेंस को कैसे कम करें? 

कई घरों में देखा जाता है की बात-बात पर वायलेंस होता है। लोगों में लड़ाई और बहस काफी ज्यादा आम होता है। जिसका सबके दिमाग पर काफी बुरा असर पड़ता है। ऐसे में घर में शांत माहौल बनाए रखने के लिए सबका मेंटल हेल्थ ठीक होना जरूरी है। ऐसा कहा जाता है कि जैसा हम खाते हैं हमारी प्रवृत्ति भी वैसी हो जाती है। ऐसे में सादा और हेल्दी भोजन खाना ही अच्छा होता है। साथ ही एक्सरसाइज और मेडिटेशन आदि भी दिमाग को शांत करते हैं। घर में एक खुशहाल माहौल बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य बहुत जरूरी है।

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