How Parents Can Support Mental Health Of Kids: बच्चों की मेंटल हेल्थ का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। आजकल के समय में बड़ी उम्र के लोगों के साथ-साथ बच्चों की मेंटल हेल्थ पर भी अलग अलग कारणों से बुरा असर पड़ रहा है। इसके कारण उन्हें बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे ज्यादा किसी से बात नहीं करते हैं और आइसोलेट रहते हैं। आजकल के समय में पेरेंट्स के पास भी बच्चे के लिए ज्यादा समय नहीं होता है क्योंकि वह दोनों ही वर्किंग होते हैं। इन सभी कारणों से बच्चों की मेंटल हेल्थ प्रभावित हो रही है। इसलिए इसके ऊपर बात करना बहुत जरूरी हो गया है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे पेरेंट्स बच्चों की मेंटल हेल्थ को सपोर्ट कर सकते हैं-
बच्चे की मेंटल हेल्थ को इस तरीके से बनाएं बेहतर
बच्चों के लिए समय निकालना
पेरेंट्स को अपने बच्चों के लिए समय निकालना बहुत जरूरी है। बच्चे को पैदा करना ही मां-बाप का फर्ज नहीं होता है। उनकी परवरिश अच्छे तरीके से करना भी बहुत जरूरी है। आप बच्चों के लिए दिन में कुछ समय जरूर निकाले। उन्हें पूछें कि उनका पूरा दिन कैसा रहा, उन्हें कैसा महसूस हो रहा है, वह आपसे क्या अपेक्षा कर रहे हैं। अगर आप रोज बच्चों के साथ समय व्यतीत करेंगे तब बच्चा आपके साथ खुलकर बातचीत करना शुरू कर देगा। इससे उनकी मेंटल हेल्थ अच्छी रहेगी क्योंकि उनके मन में कोई बोझ नहीं होगा।
उनकी तुलना दूसरों से मत करें
आजकल के समय में बच्चों के ऊपर बोझ बहुत ज्यादा बढ़ गया है। मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा हर तरह से परफेक्ट हो लेकिन ऐसा नहीं होता है। हर बच्चा अलग होता है। उनकी तुलना दूसरों से मत करें। आपका बच्चा जिस भी स्पीड से अपनी लाइफ में आगे बढ़ रहा है, उसे वैसे ही बढ़ने दें। जब आप उसके ऊपर प्रेशर डालेंगे और उसे वो बनने के लिए कहेंगे जो वो नहीं है तो बच्चा स्ट्रेस रहने लगेगा। वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करेगा और ऐसा भी हो सकता है कि वह खुद को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश करें। इसलिए आप हमेशा बच्चों को यूनिक ही रहने दे और और उसकी ग्रोथ और डेवलपमेंट पर ज्यादा ध्यान दें।
स्क्रीन टाइम लिमिट करना चाहिए
बच्चों को स्क्रीन टाइम लिमिट करना चाहिए। आज के समय में यह एक बहुत बड़ा इशू बनता जा रहा है। यह एक नशे की तरह है जिसके निशाने पर आजकल के छोटे-छोटे बच्चे हैं जिन्हें अभी समझ ही नहीं है कि उन्हें किस तरह का कंटेंट कंज्यूम करना है। बच्चे अपना खूब सारा समय रील देखने पर ही लगा देते हैं। इसके कारण उनकी एनर्जी बहुत ज्यादा वेस्ट हो रही है। उनका पढ़ाई पर फोकस नहीं रहता है। वह अपनी तुलना दूसरों से करने लग जाते हैं। उन्हें खुद में बहुत सारी कमियां दिखाई देने लगती हैं। इसलिए बच्चों को हमेशा ही माइंडफुल वॉच करना चाहिए। इसके अलावा बहुत लिमिटेड समय ही गैजेट्स के साथ व्यतीत करना चाहिए।
हेल्दी हैबिट
बच्चों को हेल्दी हैबिट लगाने में मां-बाप की अहम भूमिका है। उन्हें सबसे पहले खुद के अंदर अच्छी आदतों को डेवलप करना होगा। उन्हें देखकर बच्चे भी धीरे-धीरे सीख जाएंगे। अगर आप सुबह जल्दी उठते हैं तो बच्चों को भी उठाने की कोशिश करें। उन्हें योग, मेडिटेशन या फिर एक्सरसाइज करने की आदत जरूर डालें। इसके साथ ही बच्चों के साथ आप रीडिंग करें। इस तरह आप उनके साथ समय भी व्यतीत कर सकते हैं और अच्छी आदत भी डाल सकते हैं। इस दौरान बच्चों का आपके साथ बॉन्ड भी बनेगा और वह खुद को आपके साथ कंफर्टेबल भी महसूस करेंगे।
सोशल कनेक्शन
आजकल के बच्चे ज्यादा समय खुद के साथ ही रहते हैं। वह अपना ज्यादा समय वर्चुअल दुनिया में व्यतीत करने लगे हैं। इसके कारण सोशल कनेक्शन नहीं रहा है। आप बच्चों को सोशल कनेक्शन बनाने में जरुर मदद करें आप उन्हें किसी भी एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में ज्वाइन करवा सकते हैं जैसे डांसिंग, राइटिंग और पेंटिंग आदि। इससे बच्चे नए-नए लोगों से मिलेंगे। उनके दोस्त भी बनने शुरू होंगे। इससे बच्चों को दूसरों से बातचीत करने का भी पता चलेगा। इससे उनका कॉन्फिडेंस भी बिल्ड होने लगेगा। जब उनके ऊपर कोई ऐसी स्थिति आएगी जहां पर उन्हें ज्यादा लोगों के साथ डील करना होगा तो वो घबराएंगे नहीं। इससे उन्हें जीवन की असली मुश्किलों के बारे में भी पता चलेगा।