How To Get Your Kids To Pay Attention: जब बच्चे बड़ा बड़े होने लगते हैं तो कई बार माता-पिता की बातों को इग्नोर करने लग जाते हैं या फिर उन्हें लगता है कि हम अपने लिए अच्छा सोच सकते हैं। ऐसे में माता-पिता को बड़े सहज और धैर्य से काम लेना चाहिए ताकि बच्चे उनसे दूर ना हो जाए। ऐसे में अगर आप बच्चे को डांट देंगे या फिर उसे सजा देंगे तो बच्चा आपकी बात नहीं मानेगा बल्कि आपसे दूर हो जाएगा। आज हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बताएंगे जो आपको तब मदद करेगी जब बच्चा आपकी बात नहीं सुनता है या फिर नहीं मानता है-
बच्चे आपकी बात नहीं सुनते तो फॉलो करें ये टिप्स
रोल मॉडल बनें
बच्चे उन चीजों को जल्दी सीखते हैं जिन्हें अपने आस-पास जो देखते हैं। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बच्चे आपकी बातें माने तो पहले आपको उन बातों को फॉलो करना होगा। अगर बच्चा आपकी बात नहीं मान रहा है तो ऐसे में आपको उन पर चिल्लाना नहीं है या उन्हें कोई सजा नहीं देनी। इससे बच्चा जिद्दी हो सकता है या उसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो सकता है। अगर आप बच्चे को डिसिप्लिन सिखाना चाहते हैं तो पहले आपको अपनी लाइफ में डिसिप्लिन को फॉलो करना पड़ेगा। बच्चा आपको देखकर बहुत सारी बातें सीख जाएगा।
सही समय का चुनाव
बच्चों को समझाने के लिए सही टाइम का चुनाव भी बहुत जरूरी है क्योंकि कई बार बच्चों की अटेंशन आप में कम और आसपास की चीजों में ज्यादा होता है। ऐसे में आपको समझना चाहिए कि अगर आप बच्चे को कुछ बताएंगे भी तो उसे तब भी समझ नहीं आएगा। आपको ऐसा लगता है कि बच्चों को आपकी बात तुरंत सुननी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होता है। बच्चे के साथ धैर्य से चलना पड़ता है तभी वो आपकी बात सुनते हैं। अगर आप उनके साथ जबरदस्ती करेंगे तो बच्चे आपसे दूर हो जाएंगे।
फिजिकल कनेक्शन
बच्चों के साथ फिजिकल कनेक्शन जरूर बनाएं। इससे बच्चे आपके करीब आएंगे। जब आप बच्चे को गले मिलेंगे या फिर अपना हाथ उनके चेहरे पर रखेंगे तो बच्चे शायद आपकी बात समझ जाएगे। जब आप अपने शब्दों के साथ-साथ बच्चों को स्पर्श भी करते हैं तो इससे भी आपका प्रभाव पड़ता है और बच्चे आपकी बात को सुनते हैं।
धैर्य रखें
जब बच्चा आपकी बात नहीं सुन रहा है तो आप उसके ऊपर चिल्लाने लग जाते हैं या फिर बहुत ज्यादा ऊंची आवाज में बोलते हैं। इस कारण कोई भी फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि बच्चे को तेज आवाज में सुनाई नहीं देता है। आप नॉर्मल आवाज में भी बात कर सकते हैं लेकिन आप अपना गुस्सा बच्चों के ऊपर निकलना शुरू कर देते हैं। आपको यह समझना होगा कि बच्चों में इतनी समझ नहीं होती है और कई बार हमें उनके स्तर पर आना पड़ता है ताकि हम उन्हें बात समझा सकें तो ऐसे चिल्लाने से कोई फायदा नहीं मिलेगा। इससे आपके और बच्चे में कम्युनिकेशन गैप बढ़ जाएगा।