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How to Protect Children From Peer Pressure (Image Credit: Pinterest)
Protect Children From Peer Pressure: आज के समय में बच्चों के ऊपर पीयर प्रेशर बहुत ज्यादा है जिस कारण बच्चे उन चीजों को भी करना चाहते हैं जो उन्हें पसंद नहीं याउनके लिए असंभव है। इसका एक बड़ा फैक्टर सोशल मीडिया भी है क्योंकि जब बच्चे सोशल मीडिया पर अपने दोस्तों को या फिर अपनी उम्र के इंफ्लुंसर्स को कोई चीज करते देखते हैं वह उस चीज का प्रेशर अपने ऊपर बना लेते हैं और सोच लेते हैं शायद उन्हें भी यह करना जरूरी है। आज हम बात करेंगे कि कैसे पेरेंट्स बच्चों में पीयर प्रेशर को कम कर सकते हैं
कैसे करें बच्चों में Peer Pressure को दूर
पीयर प्रेशर क्या है
जब आपकी उम्र के लोग, चाहे वह हमारे दोस्त या क्लासमेट्स हों, आप पर किसी तरीके का दबाव डालते हैं और आप भी उनके जैसा बनने का अपने ऊपर प्रेशर लेते हैं तो उसे पीयर प्रेशर कहा जाता है। हर बार पीयर प्रेशर सही नहीं होता, कई बार इसके नेगेटिव प्रभाव भी पड़ते हैं।
बातचीत है जरूरी
अगर आप अपने बच्चों में पीयर प्रेशर को कम करना चाहते हैं तो बातचीत बहुत अहम है। इसके साथ ही पहले आप प्रॉब्लम को पहचाने फिर इसका सॉल्यूशन निकाल सकते हैं। अगर बच्चे से बातचीत ही नहीं होगी तब आप उसकी किसी भी तरीके से मदद नहीं कर सकते। मान लीजिए आपका बच्चा पीयर प्रेशर में आपसे फोन मांग रहा है लेकिन आप उसे लेकर नहीं दे सकते या आपको लगता है कि अभी उसकी सही उम्र नहीं है तो पहले उसके साथ बात कीजिए फिर उसे समझाएं। बच्चा अवश्य आपकी स्थिति और पॉइंट को समझेगा।
बच्चों को खुद डिसीजन लेना सिखाएं
पीयर प्रेशर का एक कारण बच्चों द्वारा खुद फैसला नहीं ले पाना है। जब बच्चा सही गलत की पहचान नहीं कर पाता तब वह दूसरों को फॉलो करने लगता है। उसे लगता है जो उसके साथी कर रहे हैं वह सही है। इसलिए बच्चों को डिसीजन लेना सिखाना बहुत जरूरी है और छोटी उम्र से ही इस बात को सिखा देना चाहिए। कई बार बच्चे बड़े होने के बाद भी अपने फैसले खुद नहीं ले पाते। इसके लिए दूसरों पर निर्भर करते हैं।
बच्चों को दूसरों के साथ कंपेयर मत कीजिए
कई बार पेरेंट्स भी बच्चों के ऊपर पीयर प्रेशर डालते हैं। पेरेंट्स को इस बात को समझने की जरूरत है कि हर बच्चे का एक अलग इंटरेस्ट, पैशन और पेस होता है। दूसरों के साथ कंपेयर करके आप खुद के बच्चे को ही डिमोटिवेट और प्रेशराइज कर रहे हैं। आपने बहुत सारे घरों में देखा होगा कि करियर को लेकर बच्चों को बहुत कंपेयर किया जाता है कि उनके बेटे ने तो मेडिकल लिया है, तुम क्यों आर्ट्स ले रहे हो। बच्चों के साथ ऐसा मत कीजिए। उन्हें खुद की मर्जी से जिंदगी में आगे बढ़ने दीजिए। इस सफर में उनके साथी बने।
बच्चों की संगति देखें
टीनएज में बच्चों की संगति को देखना बहुत जरूरी है कि वे किन लोगों के साथ बैठ और विचार शेयर कर रहे हैं। इससे ही उनकी आदते और उनका भविष्य तय होता है। अगर वह गलत संगति में है जैसे उनके साथी उन पर बुरी आदतों का प्रेशर डाल रहे हैं या बुली कर रहे हैं तो आप उन्हें इस बुरी संगत में से बाहर निकाले।
बच्चों के साथ समय जरूर व्यतीत करें
पीयर प्रेशर का एक और बड़ा कारण यह भी है कि बच्चों के साथ पेरेंट्स समय व्यतीत नहीं करते। वे अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए दोस्तों का सहारा लेते हैं। कई बार ऐसे दोस्तों या ऐसे ग्रुप में फंस जाते हैं जहां पर उनके ऊपर बहुत ज्यादा प्यार प्रेशर आ जाता है। इसलिए घर में बच्चों के साथ फ्रेंडली रहे। उनके साथ आपका बॉन्ड इतना स्ट्रांग होना चाहिए कि बच्चों को बाहर किसी के ऊपर इमोशनली डिपेंड ना रहना पड़े।