Parent: जरूरत से ज्यादा कंट्रोलिंग माता-पिता बच्चों के विकास में बाधा डाल सकते हैं। बच्चों को निर्णय लेने की आजादी और गलतियों से सीखने का मौका नहीं मिलता। इससे उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है, खुद पर भरोसा कम हो जाता है, और वे दूसरों पर निर्भर रहने लगते हैं। रिश्तों में भी दिक्कतें आती हैं क्योंकि उन्हें अपनी बात रखने की आदत नहीं होती।
5 कदम जिनको अपनाकर आप अपने आप को एक सहायक और सकारात्मक माता-पिता के रूप में बदल सकते हैं
1. आत्म-मूल्यांकन करें
सबसे पहले, यह आंकलन करें कि आप किस हद तक कंट्रोलिंग हैं। क्या आप हर छोटे फैसले में दखल देते हैं? क्या आप उनके दोस्तों या भविष्य के लिए रास्ता चुनने में हस्तक्षेप करते हैं? ईमानदारी से खुद से सवाल करें और यह पहचानने की कोशिश करें कि आप कहां पर उन्हें स्पेस देने में चूक कर रहे हैं।
2. बातचीत को बढ़ावा दें
अपने बच्चे के साथ खुलकर बातचीत करें। उनकी राय जाने, उनकी पसंद-नापसंद को समझें। उन्हें यह भरोसा दिलाएं कि आप उनकी बात सुनने के लिए तैयार हैं। रोजमर्रा की जिंदगी के फैसलों में उनकी राय लें। यह उन्हें जिम्मेदारी का एहसास दिलाएगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
3. गलतियों से सीखने दें
यह स्वाभाविक है कि बच्चे गलतियां करते हैं। हर गलती एक सीखने का मौका है। उन्हें अपनी गलतियों के लिए डराने या धमकाने की बजाय, उनसे बात करें कि ऐसा क्यों हुआ और भविष्य में इससे कैसे बचा जा सकता है। इससे उन्हें खुद सीखने और समस्याओं को सुलझाने की क्षमता विकसित होगी।
4. भरोसा बनाएं, नियंत्रण नहीं
अपने बच्चे पर भरोसा करना बहुत जरूरी है। उन्हें यह एहसास दिलाएं कि आप उनपर विश्वास करते हैं। निश्चित रूप से उन्हें आजादी देते समय उम्र और परिपक्वता का ध्यान रखें। लेकिन हर कदम पर उन पर शक करने की आदत छोड़ दें।
5. अपनी भूमिका को फिर से परिभाषित करें
माता-पिता होने का मतलब हर चीज को नियंत्रित करना नहीं है। आप उनके मार्गदर्शक और सहायक बनें। उन्हें सलाह दें, उनका समर्थन करें, लेकिन उनके जीवन के हर पहलू को नियंत्रित करने की कोशिश न करें। उन्हें अपना रास्ता खुद चुनने दें।