Mental Health: बच्चे की मेंटल हेल्थ में माँ-बाप का क्या रोल है?

शारीरिक सेहत के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का दुरुस्त होना भी बहुत जरूरी है। जब बच्चों की बात आती है तब उनकी शारीरिक सेहत पर तो जोरों-शोरों से ध्यान दिया जाता है लेकिन मानसिक सेहत को इग्नोर ही कर दिया जाता है। मां-बाप भी इस पर खास ध्यान नहीं देते हैं-

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Rajveer Kaur
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Mental Health of kids

(Image Credit: Soch Mental Health)

Mental Health Of Kids: शारीरिक सेहत के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का दुरुस्त होना भी बहुत जरूरी है। जब बच्चों की बात आती है तब उनकी शारीरिक सेहत पर तो जोरों-शोरों से ध्यान दिया जाता है लेकिन मानसिक सेहत को इग्नोर ही कर दिया जाता है। मां-बाप भी इस पर खास ध्यान नहीं देते हैं। बाद में, वह शिकायत करते हैं कि बच्चा विकास नहीं कर रहा है, भावनाओं को व्यक्त करने में समस्याएं आती है और लोगों से मिलता जुलता नहीं है। इसका एक कारण उनकी मेंटल हेल्थ खराब होना भी हो सकता है तो आईए जानते हैं की मां-बाप का बच्चों की मेंटल हेल्थ में क्या रोल है

Mental Health: बच्चे की मेंटल हेल्थ में माँ-बाप का क्या रोल है?

Family Environment

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बच्चों की मेंटल हेल्थ में  पारिवारिक माहौल का बहुत बड़ा योगदान है। उनके घर में जैसा माहौल होगा वैसे ही चाइल्डहुड पर असर पड़ेगा। अगर परिवार में सब एक दूसरे से खुलकर बात करते हैं, बच्चों के ऊपर ज्यादा रोक-टोक नहीं की जाती है, उनके ऊपर रूल्स को थोपा नहीं जाता है, फन लर्निंग की जाती है और उनके साथ समय बताया जाता है तो बच्चे की मेंटल हेल्थ अच्छी होगी। अगर उन्हें इग्नोर किया जाता है, दूसरे बच्चों के साथ कंपेयर किया जाता है या खेलने कूदने नहीं दिया जाता तो इसका असर दिखाई देगा। 

Discipline

डिसिप्लिन से बच्चों में मेंटल हेल्थ की समस्याएं कम होती है क्योंकि वह अपना हर काम समय से करते हैं। उन्हें समय की महत्वता का पता है जिस कारण उनमें प्रोडक्टिविटी गिल्ट नहीं होता है जो स्ट्रेस का एक बहुत बड़ा कारण बनता है। उसके साथ ही वह एकेडमिकली भी स्ट्रांग होते हैं। उन्हें अपनी जरूरत और ख्वाहिशों के बारे में भी पता होता है। उनके अंदर एक कॉन्फिडेंस भरता है जो उन्हें स्ट्रेस से दूर रखता है। 

Study

डिसिप्लिन से  बच्चों में मेंटल हेल्थ की समस्याएं कम होती है क्योंकि वह अपना हर काम समय से करते हैं। उन्हें समय की महत्वता का पता है जिस कारण उनमें प्रोडक्टिविटी गिल्ट नहीं होता है जो स्ट्रेस का एक बहुत बड़ा कारण बनता है। उसके साथ ही वह एकेडमिकली भी स्ट्रांग होते हैं। उन्हें अपनी जरूरत और ख्वाहिशों के बारे में भी पता होता है। उनके अंदर एक कॉन्फिडेंस भरता है जो उन्हें स्ट्रेस से दूर रखता है। 

Needs

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अगर बच्चे की ज़रूरतें पर गौर किया जा रिहा है, मां-बाप उनके साथ बैठकर समय बता रहे हैं और जानने की कोशिश कर रहे हैं। उन्हें पता है उनके बच्चे को किस चीज की जरूरत है, वह क्या चाहते हैं और बच्चों की फाइनेंशियल मेंटल और शारीरिक जरुरत क्या है, इससे भी बच्चा स्ट्रेस में नहीं जाता है ,उसे लगता है कि उसे सुना जा रहा है। उसकी भी घर में कोई वैल्यू है और परिवार उसे प्यार करते हैं। इससे भी उसकी मेन्टल हेल्थ अच्छी रहती है। 

Time

आजकल के बिजी लाइफस्टाइल में बच्चों के लिए सबसे जरूरी चीज मां-बाप का समय हैंहै लेकिन वह उन्हें नहीं मिल रहा। जब बच्चे के साथ कोई बात नहीं करता, दोनों अपने काम में लगे हुए हैं जिस कारण उसे लगता है कि उसकी तो कोई वैल्यू नहीं है। कोई उससे बात ही नहीं करता है। अगर वह किसी को कुछ बताना भी चाहता है उसकी आधी-अधूरी बात सुनी जाती है या उसकी डांट कर भगा दिया जाता है। इससे बच्चा बहुत अकेला फील करता है। बच्चे को प्रॉपर देने से मेंटल हेल्थ की समस्याएंनहीं होगी। 

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