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Motion Sickness In Kids: जानें बच्चों में मोशन सिकनेस से जुड़ी सभी जरुरी बातें

सफर के दौरान हमेशा ही बच्चों को मोशन सिकनेस होने लग जाती है जिस कारण उनका सफर आनंदमयी होने कि बजाय मुश्किल भरा हो जाता है। पेरेंट्स को भी इस बात का फ़िक्र रहता है कि बच्चे को सफर के दौरान कोई भी समस्या ना आए।

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Rajveer Kaur
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(Image Credit: Indian Express)

Motion Sickness In Kids: सफर के दौरान हमेशा ही बच्चों को मोशन सिकनेस होने लग जाती है जिस कारण उनका सफर आनंदमयी होने कि बजाय मुश्किल भरा हो जाता है। पेरेंट्स को भी इस बात का फ़िक्र रहता है कि बच्चे को सफर के दौरान कोई भी समस्या ना आए। इस दौरान उन्हें बहुत सारे लक्षण दिखाई देने लग जाते हैं जैसे जी खराब होना, उल्टी आना, चक्कर आदि। ऐसा महिलाओं में भी देखने को मिल सकता है जैसे जो प्रेग्नेंट हैं। आज हम इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करेंगे कि  इसके लक्षण क्या है और आप इसके साथ कैसे डील कर सकते हैं-

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जानें बच्चों में मोशन सिकनेस से जुडी सभी जरुरी बातें 

मोशन सिकनेस में सबसे आम कार सिकनेस है। इसके अलावा आपको ट्रेन, बोट या फिर प्लेन में भी सिकनेस हो सकती है ,इसमें व्यक्ति को जो सिग्नल्स मिलते हैं उसमें बैलेंस नहीं बैठता है। हमारे शरीर में बैलेंस बनाने का काम कान करते हैं लेकिन हमारे दिमाग को सिग्नल हमारी आखों से भी मिलता है। मान लीजिए बच्चा कार में बैठा है और कर चल रही है और वो बैठकर किताब पड़ रहा है। इसमें जो उसके कान को सिग्नल्स मिल रहे हैं और जो उसके आंखों के सिग्नल हैं वो आपस में मैच नहीं कर पा रहे हैं जिस कारण मोशन सिकनेस होने लग जाती है। 2 से 12 साल के बच्चों में मोशन सिकनेस ज्यादा दिखाई देती है। 

ऐसे में बहुत सारे लक्षण दिखाई देते हैं जैसे घबराहट होना, थकावट, चक्कर आना, उल्टी, जी मिचलाना, उबासी, पीला पड़ जाना और ज्यादा तेज सांस आना आदि । 

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अपने बच्चों को मोशन सीखने से बचने के लिए आप इन चीजों का ध्यान रखें

  • सबसे पहले आप बच्चे को हमेशा हल्का खाना ही दे जो उसे जल्दी पच जाए। इसके साथ ही सफर में भी उसे भूख लगने पर फ्राइड या फिर हैवी खाना मत खिलाएं ,इससे भी उसे मोशन सिकनेस हो सकती है। 
  • बच्चों का कांटेक्ट हमेशा फ्रेश हवा से होना चाहिए। इसलिए कर या फिर कार या ट्रेन की विंडो को ओपन रखें ताकि उसे साफ और शुद्ध हवा मिल सके। 
  • गाड़ी के चलते समय आप अपना ध्यान फोन, किताब, टैबलेट या किसी और चीज के ऊपर मत लगाए। आप आसपास की चीजों को देख सकते हैं या फिर किसी दूर पड़ी चीजों के ऊपर अपना ध्यान केंद्रित करें।
  • सफर के दौरान पानी की कमी मत होने दीजिए। ज्यादा हैवी खाने को छोड़कर आप कुछ हल्के खान-पान की चीजों पर ही ध्यान दें। 
  • इधर-उधर ज्यादा देखने की बजाय आप सीधा ही देखें और कोशिश कीजिए कि बच्चों को फ्रंट पर बिठाए। अगर बच्चे को फिर भी ठीक नहीं लग रहा है तो आप कुछ देर गाड़ी को रोक कर उसे सीट पर लिटा भी सकते हैं। 
  • कुछ बच्चे एक्यूप्रेशर बैंड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह भी उनके लिए राहत देने वाला हो सकता है। 
  • ज्यादा देर तक बच्चों को AC की हवा में भी न बैठने दे। कुछ देर बाद आप उसे फ्रेश हवा आने दे। 

कुछ मां-बाप अपने बच्चों को लक्षण ज्यादा बढ़ पर उन्हें  दवाई भी देते हैं। आप इसके लिए एक बार अपने हेल्थ केयर प्रोवाइडर के साथ जरूर बातचीत करें। उन्हें कैसे कब और क्या दवाई देना सेफ है आप इस बात का ध्यान रखें। आप बच्चे को बचाव में ही ज्यादा जाने दे क्योंकि कुछ दवाइयां बच्चों के लिए सूटेबल नहीं होती है। 

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