Role Of Family In Development In Ideal Child: संस्कार केवल शब्दों या शिक्षा से नहीं बल्कि व्यवहार और अनुकरण से भी सीखे जाते हैं। बच्चा जब माँ के गर्भ में होता है वही से उसमें संस्कारों के विकास की शुरुआत हो जाती है और जन्म के बाद सबसे पहले अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से ही सीखता है। बच्चे अपने माता-पिता, दादा-दादी, और परिवार के अन्य सदस्यों के आचरण, बातचीत, और निर्णय लेने की प्रक्रिया से बहुत कुछ सीखते हैं। उसके विचार, भावनाएँ और व्यवहार उसी वातावरण के आधार पर विकसित होते हैं जिसमें वह पला-बढ़ा होता है। जिस तरह एक कोमल पौधा सही दिशा में बढ़ने के लिए सहारे और पोषण की आवश्यकता रखता है, उसी तरह एक बच्चे को सही संस्कार और मूल्य देने के लिए परिवार का सहयोग अत्यावश्यक होता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि परिवार का वातावरण और वहाँ मिलने वाली शिक्षा बच्चे के पूरे जीवन को प्रभावित करती है।
बच्चे में अच्छे संस्कारों के विकास में परिवार की भूमिका
1. संस्कारों की नींव
परिवार बच्चे को अच्छे संस्कार देने का पहला माध्यम होता है। माता-पिता और बड़े बुजुर्गों द्वारा दिए गए शिक्षा और नैतिक मूल्यों का असर बच्चे पर जीवनभर बना रहता है। यदि परिवार में आपसी सम्मान, प्यार, और समझदारी का माहौल है, तो बच्चे भी उन्हीं गुणों को अपने जीवन में अपनाते हैं। माता-पिता द्वारा अनुशासन और जिम्मेदारी के प्रति जो सिखाया जाता है, वह बच्चों के लिए जीवनभर की सीख बन जाती है।
2. उदाहरण द्वारा शिक्षा
बच्चे अपने आसपास के लोगों से बहुत कुछ सीखते हैं। माता-पिता का आचरण और उनके द्वारा प्रदर्शित नैतिकता ही बच्चे के संस्कारों को गढ़ने का मुख्य स्त्रोत बनता है। यदि माता-पिता ईमानदारी, सच्चाई, और दयालुता का पालन करते हैं, तो बच्चे भी इन गुणों को स्वाभाविक रूप से अपनाते हैं। बच्चे देखने में विश्वास करते हैं, इसलिए परिवार का आचरण उन्हें प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है।
3. परंपराओं और संस्कृति का ज्ञान
परिवार में बच्चे को अपनी संस्कृति और परंपराओं का महत्व सिखाया जाता है। धार्मिक अनुष्ठान, त्योहारों की मान्यताएँ, और रीति-रिवाजों के प्रति सम्मान बच्चों के भीतर संस्कारों का विकास करता है। परिवार में होने वाली ये गतिविधियाँ बच्चे को अपनी जड़ों से जोड़े रखती हैं और उसे समाज के प्रति कर्तव्यों का बोध कराती हैं।
4. भावनात्मक समर्थन
बच्चों के मानसिक और भावनात्मक विकास में परिवार का समर्थन बहुत अहम होता है। परिवार का सहयोग और प्रेम बच्चों को मानसिक रूप से सशक्त बनाता है और उन्हें सही-गलत का अंतर समझने में मदद करता है। जब बच्चा किसी कठिन परिस्थिति से गुजरता है, तो परिवार ही उसे संभालता है और सही मार्गदर्शन देता है।
5. अनुशासन और आदर का महत्व
परिवार में बच्चों को अनुशासन, समय की पाबंदी और दूसरों के प्रति आदर करना सिखाया जाता है। यह शिक्षा बच्चों को समाज में सही ढंग से जीने और एक जिम्मेदार नागरिक बनने की ओर प्रेरित करती है।