कई बार प्रेगनेंसी के दौरान जैसे-जैसे आपका गर्भाशय बढ़ता है, तो पेट में कसाव यानि पेट टाइट होने लगता है। ऐसा होना के सामान्य बात हो सकती है, लेकिन कई बार प्रेग्नेंसी के शुरुआती हफ्तों में पेट का टाइट होना गर्भपात/एबॉर्शन का भी संकेत हो सकता है। वहीं, थर्ड ट्राइमेस्टर में पेट टाइट होने का कारण लेबर पेन हो सकता है। जबकि प्रेगनेंसी की हर तिमाही में पेट के टाइट होने के कारण अलग-अलग होते हैं। कहीं कोई घबराने की बात तो नहीं?
फर्स्ट ट्राइमेस्टर में प्रेगनेंसी में पेट टाइट होना
पहली तिमाही यानि फर्स्ट ट्राइमेस्टर में गर्भ धीरे-धीरे विकसित हो रहा होता है, मतलब गर्भाशय फैलता है और बढ़ता है। इस दौरान पेट टाइट महसूस हो सकता है। लेकिन यदि इस दौरान पेट में दर्द के साथ पेट टाइट होना मिसकैरेज का सबसे बड़ा संकेत हो सकता है।
ऐसा आमतौर पर प्रेगनेंसी के 12वें सप्ताह से पहले महसूस हो सकता है। इस दौरान गर्भपात के लक्षण नजर आ भी सकते हैं और कई बार नहीं भी नजर आते हैं। इसीलिए अपने प्रेगनेंसी के पहले 3 हफ़्तों में अपना खास ख़याल रखें।
सेकंड और थर्ड ट्राइमेस्टर में पेट का टाइट होना
सेकंड ट्राइमेस्टर में पेट टाइट होने का मुख्य कारण गर्भाशय का आकार बढ़ना हो सकता है। दूसरी तिमाही में पेट का टाइट होना या पेट में दर्द होना समय से पहले डिलीवरी का भी संकेत हो सकता है। ऐसे समय में खुद को मानसिक और शारीरक; दोनों तौर पर तैयार रखें और हमेशा पॉजिटिव रहें।
थर्ड ट्राइमेस्टर में गर्भवती महिलाओं का पेट का टाइट होना व पेट में दर्द होना प्रसव/ लेबर पेन का संकेत हो सकता है। यह दर्द लगातार तेज होता जाता है। इसके अलावा ब्रैक्सटन हिक्स कॉन्ट्रैक्शन की समस्या भी हो सकती है। इस स्थिति में लेबर की तरह ही दर्द उठता है, लेकिन यह उससे अलग है। कई बार महिलाएं इसे सामान्य दर्द समझ क्र इग्नोर करती हैं, जिससे यह और भी भयानक रूप ले सकता है। इसीलिए कॉन्ट्रैक्शन जैसा महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर को खबर दें।