Topics Parents Should Talk About With Teenagers: बच्चों और माता-पिता के बीच बात-चीत बहुत आवश्यक है। बच्चे जब छोटे होते हैं तो वे अपने माता-पिता के बताने के हिसाब से चीजों को करते हैं लेकिन यही बच्चे जब धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं तो उनमे चीजों को समझने की शक्ति बढ़ने लगती है ऐसे में वे बहुत से काम बिना माता-पिता की सहायता के भी कर सकते हैं। खास कर जब बच्चे टीन ऐज में पहुँचते हैं तो उनकी लाइफ में कई बड़े बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर माता-पिता बच्चों पर ध्यान नहीं देते हैं तो वह सामान्य तौर पर गलत रास्ते पर भी जा सकते हैं। इसलिए कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं जिन पर माता-पिता को अपने टीन ऐज बच्चों के साथ बात करनी चाहिए।
इन टॉपिक्स पर पेरेंट्स को टीनएजर्स के साथ बात करनी चाहिए
1. मेंटल हेल्थ
माता-पिता को अपने टीनएज बच्चों के साथ मेंटल हेल्थ रिलेटेड बातचीत को सामान्य करना चाहिए। स्ट्रेस, टेंशन और डिप्रेशन को समझने और रोकने के तरीकों पर बात-चीत करें और उन्हें बताएं की यदि उन्हें ऐसी समस्याएं होती हैं तो वे आपसे हेल्प मांग सकते हैं।
2. सोशल मीडिया और ऑनलाइन सेफ्टी
माता-पिता अपने टीनएज बच्चों के साथ साइबरबुलिंग, प्राइवेसी संबंधी चिंताओं और जिम्मेदार डिजिटल नागरिक होने के महत्व सहित ऑनलाइन गतिविधियों से होने वाले खतरों पर खुलकर बात करें और उन्हें न सिर्फ इनके फायदे बताएं बल्कि सोशल मीडिया से होने वाली समस्याओं पर भी बात करें।
3. शिक्षा और करियर गोल्स
टीनएज में ज्यादातर शिक्षा और करियर की टेंशन हर बच्चे के लिए बढ़ जाती है ऐसे में माता-पिता उनसे बात करें और उन्हें उनकी रुचियों को जानने, टाइम मैनेजमेंट को सीखने और अपने गोल्स सेट करने और उन पर काम करने में सहायता करें।
4. फ्यूचर गोल्स और डिसीजन लेना
माता-पिता को चाहिए कि जब उनके बच्चे टीनएज में हों तो वे उन्हें उनके फ्यूचर गोल्स को सेट करने जानने में उनकी मदद करें और साथ ही उन्हें खुद डिसीजन लेना सिखाएं। उन्हें अपने पैशन और स्ट्रेंग्थ को जानने में सहायता करें।
5. घरेलू जिम्मेदारी और काम
बच्चे जब बड़े होने लगते हैं तो जरूरी होता है कि उन्हें कुछ घरेलू जिम्मेदारियों में हेल्प और पर्सनल हाईजीन को बनाये रखना सिखाया जाए। यह जरूरी नहीं है कि माता-पिता उन पर घर की जिम्मेदारियों का बोझ डालें लेकिन उन्हें घर की जिम्मेदारियों को लेने और उन्हें समझने पर जरुर ध्यान देना चाहिए।
6. हेल्दी रिलेशनशिप
जब बच्चे टीनएज की तरफ बढ़ते हैं तो उनके शरीर में भी कई बदलाव होते हैं जिनके चलते वो रिश्तों से जुड़ने लगते हैं इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चे के साथ हेल्दी फ्रेंडशिप और रोमैंटिक रिश्तों पर बात करें। उनसे बाउंड्रीज, रेस्पेक्ट, कम्युनिकेशन और जो सही नहीं है ऐसी चीजों को समझने के बारे में बात करें।
7. सेक्सुअलिटी और सहमति
जब बच्चे बड़े होने लगें तो माता-पिता को चाहिए कि वे उनसे सेक्स, सहमति, सेफ सेक्स प्रैक्टिस, कान्ट्रसेप्शन और पर्सनल बाउंड्रीज का सम्मान करने के महत्व के बारे में ओपन और ऐज के हिसाब से बातचीत करें।