Women Rights: बचपन से ही महिला को एक प्रोग्राम की तरह तैयार किया जाता है, जिसमे सिखाया जाता है कैसे रहना है, क्या कपड़े पहनने है, काम करना है बाहर तो कितनी देर तक और भी बहुत कुछ। भारत की लगभग हर महिला को इस स्थिति से गुजरना पड़ता है। भले ही अब महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही है, मगर कहीं न कहीं वे अब भी अपने अधिकारों से वाकिफ नही है। अगर भारत की हर महिला अपने अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक हो जाए तो समाज में संतुलन और समानता होगी। चलिए जाने 10 अधिकारों के बारे में जो हर महिला को पता होने चाहिए।
हर भारतीय महिला के पास हैं ये 10 अधिकार
काम पर उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार
भारतीय महिला को पता होना चाहिए कि काम पर हो रहे अपराध के बारे में आपके पास क्या अधिकार हैं, खासकर यदि आप एक कामकाजी महिला हैं। अगर आप अपने कार्यस्थल पर किसी भी तरह के उत्पीड़न का सामना कर रही है तो आपको पता होना चाहिए कि आपको इसे औपचारिक रूप से उठने का अधिकार है और यौन पीड़न के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का अधिकार है।
गुमनाम रहने का अधिकार
भारतीय महिला को पता होना चाहिए गुमनामी का अधिकार बहुत जरूरी है, महिलाओं से अपेक्षा करी जाती है कि वे परिवार की प्रतिष्ठा बनाए रखे। ऐसे में उन्हें अधिकार है कि यदि वे किसी भी उत्पीड़न का शिकार है तो वे गोपनीयता से महिला पुलिस अफसर या मजिस्ट्रेट के सामने अकेले में अपना बयान दर्ज करवा सकती हैं।
घरेलू हिंसा के खिलाफ अधिकार
महिलाओं से अपेक्षा करी जाती है कि कोई भी शारीरिक नुकसान ही क्यों न पहुंचे आपको इसे गुप्त ही रखना है। ऐसी स्थिति में उनके पास अधिकार है, ऐसे में आप अपनी कंप्लेंट फाइल करवा सकती है यही नहीं बल्कि आप हेल्पलाइन नंबर 1091 पर कॉल कर कर मदद ले सकती हैं।
मातृत्व लाभ पाने का अधिकार
मातृत्व लाभ कामकाजी महिला का अधिकार है, इसमें यह सुनिश्चित करता है की एक नई माॅं को प्रसव के बाद बारह हफ्ते की अवधि के बाद भी कमाई का नुकसान नहीं होता और इससे कार्यबल में वापस शामिल होने की अनुमति मिलती है।
कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ अधिकार
भारत में रह रहे हर एक नागरिक का कर्तव्य है कि वे एक महिला को उसके मूल अधिकार यानी जीने के अधिकार का अनुभव करने दे। गर्भधारण और लिंग चयन का प्रतिबंध अधिनियम (PCPNDT) कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ उसका अधिकार सुनिश्चित करता है।
मुफ्त कानूनी हेल्प का अधिकार
हर भारतीय महिला को पता होना चाहिए के उन्हें मुफ्त कानूनी मदद का अधिकार है। इसमें कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम के तहत सभी महिला बलात्कार पीड़ितों को मुफ्त में कानून की सहायता का अधिकार है। SHO के लिए कानूनी सेवा प्राधिकरण को सूचित करना जरूरी है, जो वकील की व्यवस्था करते है।
विरासत में समान हिस्सेदारी
हिंदू उत्तरअधिकार अधिनियम महिलाओं और पुरुषों को विरासत यानी लेजेसी में समान हिस्सेदारी की अनुमति देता है। इससे नए नियम और कानून स्थापित होते है। हालाकि कई महिलाएं इस अधिकार के बारे में नहीं जानती हैं।
रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार
भारतीय महिला को जानना चाहिए कि रात में गिरफ्तार न करने के अधिकार के तहत किसी भी महिला को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के आदेश पर असाधारण मामले को छोड़कर, सूर्यास्त के बाद और सूर्येदय से पहले गिरफ्तार नही किया जा सकता है।
समान वेतन का अधिकार
नौकरी ढूंढना एक चुनौती से कम नही है वही एक महिला के लिए कार्य वातावरण और इक्वल सैलरी दर वाली नौकरी ढूंढना तो और भी कठिन है। भारतीय महिलाओं को पता होना चाहिए के उनके पास समान वेतन का अधिकार हैं। लिंग के आधार पर किसी भी प्रकार का कोई भेद भाव नहीं किया जा सकता है।
गरिमा और शालीनता का अधिकार
इस अधिकार में यदि कोई आरोपी एक महिला है तो उस पर किसी भी तरह का कोई भी चिकित्सा परीक्षण या किसी भी तरह की कोई प्रक्रिया अन्य महिला या उसकी उपस्थिति में की जानी चाहिए।