5 Benefits Of Turmeric: भारत के मसालों में हल्दी का अलग ही एक महत्व है। हर व्यक्ति के घर की रसोई में हल्दी ज़रूर मिलेगी। खाने में हल्दी का प्रयोग करने से खाने का स्वाद और रंग-रूप बढ़ जाता है और साथ ही यह कई तरह के रोगों से भी रक्षा करती है।
हल्दी को जड़ी बूटी के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। आयुर्वेद में हल्दी के बहुत से फायदों के बारे में उल्लेख है। हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसे खाने में प्रयोग करने से खानें का रंग और स्वाद बढ़ जाता है। हल्दी का वैज्ञानिक नाम करकुमा लोंगा है।
हल्दी में एंटीसेप्टिक और एंटी-बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो हमारे शरीर को कई वायरल इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं। हल्दी को कई तरह से डाइट में इस्तेमाल किया जा सकता हैं, जैसे दूध के साथ, चाय के साथ और खाने के साथ आदि। हल्दी में कैल्शियम, आयरन, सोडियम, ऊर्जा, प्रोटीन, विटामिन ई, विटामिन सी और फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है। हल्दी वाले दूध का सेवन करने से सर्दी-खांसी, इंफेक्शन और दर्द आदि की समस्या को से बचा जा सकता है।
हल्दी खाने के क्या फ़ायदे हैं
- इम्यूनिटी : हल्दी में पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण शरीर को कई शारीरिक समस्याओं से बचाने में मदद करता हैं। हल्दी के दूध में मौजूद करक्यूमिन बतौर इम्यूनोमॉड्यूलेटरी एजेंट काम करता है। हल्दी को एक गिलास गुनगुने दूध के साथ पीने से शरीर में इम्यूनिटी को मजबूत बनाया जा सकता है।
- चोट का घाव भरने में : छोटी-मोटी चोट लग गई है तो उस जगह पर आप तुरंत हल्दी लगा लें। ऐसा करने से चोट पर बहने वाला खून रुक जाता है और घाव भी जल्दी ठीक हो जाता है। हल्दी में घाव को जल्दी भरने के गुण मौजूद होते है। हल्दी चोट की जलन और दर्द को भी कम करने में मदद करता है।
- मजबूत हड्डियां : हल्दी वाला दूध पीने से शरीर की हड्डियां मजबूत होती है। दूध में कैल्शियम होता है जिससे हमारा शरीर मजबूत बनता है। हल्दी में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते है, जो हड्डी से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करते है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या भी कम हो सकती है।
- पाचन में सुधार : पाचन संबंधित समस्या होने पर कच्ची हल्दी खानी चाहिए। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन पेट के साथ-साथ पाचन की परेशानियों को ठीक करता है। करक्यूमिन में एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते है जिससे पाचन में सुधार होता है। डायरिया, अपच, गैस होने पर कच्ची हल्दी को पानी में उबाले और इसे पिएं।
- लिवर रहे स्वस्थ : लिवर से संबंधित समस्या में कच्ची हल्दी का इस्तेमाल फायदेमंद साबित होता है। कच्ची हल्दी का अचार, चटनी या किसी ना किसी रूप में सेवन जरूर करना चाहिए। फैटी लिवर डिजीज, लिवर की विषाक्तता, लिवर सिरोसिस की बिमारियों में कच्ची हल्दी का सेवन करना लाभदायक होता है। लिवर से जुड़ी बीमारी के मरीजों को हल्दी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।