5 Myths About PCOS: पीसीओएस के दौरान महिलाओं के अंडाशय में कई छोटी-छोटी ग्रंथियां होती हैं जिनमें अंडे पकने से पहले अविकसित रहते हैं। इस रोग के कारण महिलाओं के हार्मोन असंतुलन का उत्पादन होता है जो अनियमित मासिक धर्म, अंडाशय में अतिरिक्त अंडे और बालों की उत्पत्ति जैसी समस्याओं को उत्पन्न करता है। इस रोग का उपचार हार्मोनल दवाओं और अन्य उपचारों जैसे वजन घटाने, सही खान-पान और व्यायाम आदि से किया जा सकता है। पीसीओएस को टाइम पर पहचानना और इसका उपचार कराना बहुत महत्वपूर्ण होता है। तो आइए इस हेल्थ ब्लॉग में हम जानें पीसीओएस के बारे में मिथक
पीसीओएस के क्या मिथक होते हैं
1. (मिथक) पीसीओएस एक बीमारी है जो केवल बच्चों को पैदा करने में असुविधा पैदा करती है
कई समस्याओं जैसे अनियमित मासिक धर्म, त्वचा समस्याएं, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को भी पीसीओएस पैदा कर सकता है। यह मिथक गलत है।
2. (मिथक) पीसीओएस एक संक्रमण होता है
यह मिथक गलत है। पीसीओएसस एक हार्मोनल समस्या है और संक्रमण से संबंधित नहीं है। यह किसी को भी हो सकता है।
3. (मिथक) पीसीओएस केवल महिलाओं को होता है
यह मिथक गलत है। पीसीओएस कुछ मामलों में पुरुषों में भी देखा जा सकता है। इसके अलावा, कुछ लोगों में यह समस्या जन्म से ही होती है।
4. (मिथक) पीसीओएस सिर्फ महिलाओं के लिए एक बच्चे को पैदा करने में दिक्कत पैदा करता है
यह मिथक गलत है। पीसीओएस से जुड़ी समस्याएं न केवल गर्भधारण के दौरान बल्कि उससे पहले भी होती हैं, जैसे कि मासिक धर्म की अनियमितता और अन्य स्त्री रोगों को पैदा करती हैं।
5. (मिथक) पीसीओएस से ग्रस्त महिलाएं सिर्फ वजन को देखते हुए तब डॉक्टर के पास जाती हैं
यह मिथक गलत है। वजन बढ़ना पीसीओएस के लक्षणों में से एक हो सकता है, लेकिन यह समस्या केवल मोटे लोगों में नहीं होती है। अन्य लक्षणों में मासिक धर्म की अनियमितता, त्वचा समस्याएं और दूसरी गंभीर स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां हो सकती है।
6. (मिथक) पीसीओएस महिलाओं को बच्चे नहीं हो सकते
यह भी गलत है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं को बच्चे होने में कोई परेशानी नहीं होती है। इसके लिए उचित इलाज के साथ नियमित धैर्यवान चिकित्सा उपचार से ये महिलाएं आसानी से मां बन सकती हैं।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।