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Women Health Myths: महिलाओं के स्वास्थ से जुड़ी ये 5 मिथक जिनपर बात करना है जरुरी

2024 चल रहा है जहां महिलाएं हर चुनौती पार कर अपने लिए नया आसमान बना रही हैं, पर अगर ध्यान से देखें तो आज भी इन्हीं महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ के बारे में कई सारी अफ़वाए लोग अपने दिमाग में लेकर बैठे हैं।

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Khushi Jaiswal
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(Image credit : Main Line Today)

Women Health Myths: 2024 चल रहा है जहां महिलाएं हर चुनौती पार कर अपने लिए नया आसमान बना रही हैं, पर अगर ध्यान से देखें तो आज भी इन्हीं महिलाओं के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ के बारे में कई सारी अफ़वाए लोग अपने दिमाग में लेकर बैठे हैं। समाज में लोगों ने महिलाओं के प्रति आज भी कई गलत धारणाओं को सच मान लिया है। चलिए उन्हीं पर आज हम बात करते हैं और एक स्त्री के स्वास्थ के प्रति सदियों से चले आ रहे इन मिथ्स को ब्रेक करते हैं। 

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एक स्त्री के स्वास्थ सम्बंधित ये बाते हैं झूठ

1. ब्रा पहनने से होता है कैंसर 

सदियों से ये बड़ा झूठ आज भी कही ना कही हमारे समाज में घर करके बैठा है। आज भी आप बड़े- बुजुर्ग महिला के मुँह से ये बाते सुन जाएगे। लेकिन ये बहुत बड़ा मिथ है ब्रा पहनने से कैंसर नहीं होता यहाँ तक कि ब्रा के रंग से भी किसी भी तरह की बीमारी नहीं होती है। आपने यहाँ तक भी सुना होगा कि अगर ब्रा पहनकर सोते हैं तो उससे भी कैंसर होता है या बूब्स के साइज में कोई बदलाव आता है। तो ये सब बस मुँह बोली बाते हैं इसमें कोई सच नहीं है। आप अपने कम्फर्ट लेवल के हिसाब से जब मर्जी तब ब्रा पहने वर्ना मत पहने ये आप पर निर्भर करता है।  

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2. महिलाओं को नहीं होती दिल की बीमारी 

समाज में ये पुराना मिथ जिसे लोग आज भी सच मानते हैं कि महिलाओं को दिल की बीमारियां नहीं होती हैं या उन्हें हार्ट अटैक नहीं आता है या सिर्फ बुजुर्ग ही दिल की बिमारियों से पीड़ित होते हैं। लेकिन,असल में ये काफी बड़ा झूठ है बल्कि महिलाओं में पुरुषो के मुकाबले हार्ट अटैक के चांसेस ज्यादा है। इसलिए उन्हें ऐसी बातों को इग्नोर करके अपना खास ख्याल रखना चाहिए समय पर स्वस्थ डाइट खानी चाहिए और एक्सरसाइज करनी चाहिए।  

3. महिलाओं के वजाइना के लिए बनाये गए प्रोडक्ट हैं असरदार 

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मार्किट में हजार तरह के प्रोडक्ट उपलब्ध हैं जोकि एक महिला के वजाइना के लिए बनाया गया है। कोई कहता है इससे आपके योनि का रंग लाइट होता है, कोई उसमें होने वाले खुजली या रैशेस के लिए प्रोडक्ट लांच कर रहा है, किसी का दावा है कि उनके प्रोडक्ट से आपके वजाइना से कोई स्मेल नहीं आएगा और ना जाने और कई चीजों का वादा कर ये सारे प्रोडक्ट्स बेचे जाते हैं। पर ये सारी चीजों का इस्तेमाल असल में नहीं करना चाहिए एक स्त्री का वजाइना  सेल्फ क्लीनिंग अंग है उसे किसी प्रोडक्ट की जरूरत नहीं और अगर आपके वजाइना में कोई भी तकलीफ है तो आप सीधे डॉक्टर्स के पास जाए और इन फेक प्रोडक्ट्स से बचें। 

4. पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बहुत कम महिला पीड़ित होती हैं 

असल में डिप्रेशन को भारत में कई जगहों पर आज भी सीरियस नहीं लिया जाता है। लोगों को ये बस बड़ी बातें लगती हैं लेकिन ये सच है और कई महिलाएं 

डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरती है। डाटा के हिसाब से हर 5 में से 1 महिला पोस्टपार्टम डिप्रेशन से गुजरती है। अगर आपको भी अपने बच्चे को जन्म देने के बाद एंग्जायटी या भूक नहीं लगता, नींद नहीं आती अपने बच्चें से बॉन्ड बनाने में दिक्कत हो रही या हर छोटी चीज आपको चिड़चिड़ाहट महसूस करवा रही है तो आपको पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है। ऐसे वक्त पर डॉक्टर्स की मदद जरूर लें। 

5. ट्रांसजेंडर महिलाएं, महिला नहीं 

आज भी समाज में लोग ट्रांस जेंडर को एक बहुत बड़ा थप्पा मानते हैं। कई इसे स्वीकारते तक नहीं और ट्रांसजेंडर महिलाएं को लोग इंसान मानने को तैयार नहीं उन्हें एक महिला का दर्जा देने की बात तो बहुत दूर की है। एक वजाइना के साथ पैदा होने से आप महिला नहीं बनते पर आप जिस तरह से खुद के बारे में महसूस करते हैं आप उससे एक महिला बनते हैं। अब जरूरत है कि वक्त के साथ लोगों की सोच भी बदले और सोसाइटी ट्रांसजेंडर महिलाएं को एक महिला की तरह देखें।

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