अक्सर टीनेज उम्र में लड़कियों में ब्रेस्ट में दर्द या चुभन देखने को मिलती है।70 फ़ीसदी महिलाएँ कभी न कभी लाइफ़ में ब्रेस्ट पेन को महसूस करती है। माहवारी, सूजन और होर्मोनल इंबैलेंस के कारण ब्रेस्ट में दर्द महसूस किया जा सकता है। आज हम बात करेंगे ऐसे पाँच कारणों के बारे में जिनके कारण आपकी ब्रेस्ट पेन हो सकता है।
ब्रेस्ट पेन को स्तन-पीड़ा (mastalgia) भी कहते है -
ब्रेस्ट सिस्ट
बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं में बहुत से बदलाव आने लगते है। इस समय आपके ब्रेस्ट टिशू में फ़ैट आना शुरू हो जाता है।इसलिए इसका साइड इफ़ेक्ट होता है। यह माहवारी के समय बड़ते है और रजोनिवृति (menopause)के बाद ख़त्म हो जाते है।
होर्मोनल इंबैलेंस
हार्मोन असंतुलन होने के कारण भी आपकी ब्रेस्ट में दर्द होने लग जाता है।प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन होते है जिनके स्तर में उतार-चढ़ाव के कारण यह दर्द होने लग जाता है।इन दोनों हार्मोन के कारण ब्रेस्ट में गाँठ, सूजन और कभी-कभी दर्द होने लगता है।इन होर्मोनस में असंतुलन माहवारी के दौरान आसानी से देखा जा सकता है।
उम्र के साथ यह दर्द अधिक बढ़ जाता है। कुछ महिलाओं का कहना है यह दर्द मैनोपॉज़ के बाद नहीं होता है। अगर महिलाएँ में दर्द हार्मोन असंतुलन के कारण हो रहा है तो माहवारी से कुछ दिन पहले ही दर्द शुरू होगा।
मेस्टाइटिस
इसमें आपके स्तन में सूजन आने लगती है।अगर दर्द स्तनों में संक्रमण के कारण हो रहा है तो आपको बुख़ार और स्तनों में लालिमा आ सकती है। जो महिलाएँ स्तनपान करती है उन में यह दर्द अधिक तेज हो सकता है।इसके कारण जलन हो सकती है। अगर यह दर्द ज़्यादा हो रहा है तो एक बार डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए।
ब्रेस्ट कैंसर
ब्रेस्ट पेन का एक कारण ब्रेस्ट कैंसर भी हो सकता है। ज़रूरी नहीं है कि ब्रेस्ट कैंसर में दर्द हो ज़्यादातर ब्रेस्ट कैंसर में दर्द नहीं होता। ब्रेस्ट कैंसर का कारण जागरूकता में कमी है जिसके कारण उपचार में देरी होती है।
मानसिक तनाव
कई बार मानसिक तनाव या परेशानियों के कारण ब्रेस्ट में दर्द हो सकता है। अगर दर्द के साथ चमड़ी में लाली, गाँठ या सूजन महसूस हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे।ब्रेस्ट में होने वाले दर्द का इलाज संभव है लेकिन समय पर इसका इलाज होना ज़रूरी है।