Breast Size Increase And PCOD: पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या PCOD महिलाओं में हार्मोनल डिसऑर्डर के कारण होने वाली एक सामान्य समस्या है जो उनके स्वास्थ पर गहरा प्रभाव डालता है। PCOD की वजह से महिलाओं में अनियमित मानसिक धर्म, अत्याधिक फेसियल हेयर, बालों का झड़ना और वजन में वृद्धि देखने को मिल सकती है। PCOD में हार्मोन का असंतुलन होता है जिसमे एड्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ता है जिसके कारण शरीर में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलते है। PCOD के कारण Breast size भी बड़ने की संभावना भी होती है। तो आइए जानते है क्या Breast size का बड़ना PCOD का संकेत है ?
Breast size और PCOD का कनेक्शन
1. हार्मोनल असंतुलन
PCOD के कारण हमारे शारीर में हार्मोन का संतुलन बिगड़ने लगता है। हार्मोन के असंतुलन के कारण एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का संतुलन होता है। जिसकी वजह से Breast Size में चेंजेस होते है। पर यह लंबे समय तक नहीं होता है। यह संतुलन सामान्य रूप से होता है पर यह हमारे मानसिक धर्म चक्र में गहरा प्रभाव डालता है और अगर यह लंबे समय तक चलता है तो आगे जाकर भी कई परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है।
2.वजन बढना
PCOD में वजन का बढ़ना एक सामान्य लक्षण होता है। जब शरीर में अत्यधिक फैट जमा हो जाता है तो इसका एक हिस्सा Breast मैं जमा हो सकता है जिसके कारण इसके साइज में वृद्धि होती है। फट फट हमारे शरीर के अन्य शारीरिक अंगों के साथ-साथ Breast को भी प्राभावित करती है। PCOD के कारण वजन की वृद्धि से Breast का आकार भी बदल सकता है।
3. हार्मोनल परिवर्तन
Breast के साइज हार्मोन परिवर्तन के प्रति संवेदनशील होते हैं। पीरियड साइकिल प्रेगनेंसी और हार्मोनल चेंजेज के दौरान हार्मोन का संतुलित होना सामान्य है जो ब्रेस्ट के आकार को अस्थाई रूप से बदलने का काम कर सकता है। यदि स्तन में अस्थायी परिवर्तन होता है तो यह अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकता है इसीलिए हमें परेशानी को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
4. निदान
अगर हमारे Breast Size इसमें वृद्धि के साथ PCOD के लक्षण देखने को मिलते हैं तो इसका निदान करना बहुत ही जरूरी होता है क्योंकि आगे जाकर बड़ी परेशानी का रूप ले सकता है। इसके लिए हमें हार्मोन और संतुलन की जांच करनी चाहिए। गहरी जानकारी के लिए अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए क्योंकि इससे ओवरी में सिस्ट की उपस्थिति की पुष्टि होती है। स्तन की जांच करना भी जरूरी है ताकि हमें पता चल सके की गांठ की परेशानी तो नहीं उत्पन्न हो रही।
5. उपचार
PCOD के लक्षण को मैनेज करने के लिए बहुत सारे उपचार होते हैं जिसको हमें अपने डेली लाइफ में शामिल करना चाहिए। PCOD को कंट्रोल करने के लिए हमें सही आहार लेनी चाहिए। वजन का प्रबंध भी पीसीओडी को ठीक कर सकता है वजन कम करने से शरीर में फैट नहीं होता और इंसुलिन का लेवल भी सही रहता है। हमें अपने लाइफस्टाइल में भी चेंज करने चाहिए अच्छी नींद तनाव का प्रबंध PCOD के लक्षण को सुधार सकता है।