कन्सेंट इसे बहुत लोग लेना भूल जाते हैं लेकिन ये बहुत ज़रूरी है। इसका मतलब दो लोगों में आपसी रज़ामंदी। हमारे समाज में जब एक व्यक्ति ही हाँ बोल देता है तों दूसरे से बिना पूछें या जाने खुद ही हाँ समझ ली जाती है।यह भी कह सकते है अगर मर्द किसी चीज़ पर रजामंद है तो औरत की भी उसमें समझ ली जाती है। इसे हमें अपनी बातचीत का हिस्सा बनाने की ज़रूरत है।
Consent से संबंधित ये कुछ बातें साफ़ होनी चाहिए
कन्सेंट हर चीज़ पर अप्लाई होती है
कन्सेंट अकेले सेक्स या किसी के साथ फ़िज़िकल होने पर लागू नहीं होती है। ये हर चीज़ पर लागू होती है। अगर आप किसी के साथ बात भी करना चाहते हैं उसमें भी आपको कन्सेंट की ज़रूरत है।
Respect boundaries
जब हम कंसेंट की बात करते हैं इसका मतलब होता है कि आप एक जो दायरा है उसकी रिस्पेक्ट करते हैं। हर व्यक्ति की एक लिमिटेशंस होती है और एक बाउंड्री होती है अगर आप उसे क्रॉस करते हैं तो वह गलत होता है। लिमिटेशंस को तोड़कर आगे नहीं जाते बल्कि उनकी रिस्पेक्ट करते है
इसको तोड़ना ‘क्राइम’ है
जब आप किसी की कंसेंट के खिलाफ जाकर वह काम करते हैं तो वह चाहे कुछ भी हो में चाहे आप किसी की मर्जी के खिलाफ उसके साथ सेक्स कर रहे हैं या कुछ और भी कर रहे हैं यह एक क्राइम है।
इसे कभी भी तोड़ा जा सकता है
जरूरी नहीं है कि आपने एक बार किसी के साथ कंसेंट कर ली तो आप उसे तोड़ नहीं सकते
जब आपको लगे कि हां अब मुझे इस व्यक्ति के साथ नहीं रहना यहां इससे मुझे कोई खतरा है या यह आगे जाकर यह चीज मुझे नुकसान कर सकती है। आप इसे उसी पॉइंट पर छोड़ सकते हैं।
कुछ भी करने से पहले परमिशन लेना
किसी भी व्यक्ति के साथ कोई भी गतिविधि करने से पहले आपको उससे परमिशन लेना बहुत जरुरी है इसमें टच करना, डेट पर जाना, किस करना, हाथ पकड़ना, किसी की तस्वीर शेयर करना इन सब में कंसेंट लेना बहुत जरूरी है।
नहीं का मतलब ‘नहीं’ होता
यह बहुत छोटी सिंपल और ऑब्वियस बात है कि
'नहीं' का मतलब नहीं होता है लेकिन कुछ लोग इस बात को भी नहीं समझते। उनके हिसाब से अगर आप किस चीज से मना कर रहे हैं तब भी आप उस चीज को कर सकते है।