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Maida Vs. Aata: अपने भोजन की थाली से हटाएं मैदे की बनी चीज़ें

blog | sehat: मैदे की मैगी, मैदे के नूडल्स, मैदे की ब्रेड और मैदे का न जाने क्या-क्या, पर ये मैदा हमारे शरीर को पहुंचा रहा है नुक़सान। मैदा और आटा दोनों ही अलग-अलग तरह से शरीर को प्रभावित करते हैं।

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Prabha Joshi
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मैदा

मैदा सफ़ेद और आटे से ज़्यादा महीन होता है

Maida Vs. Aata: अकसर हम लोग बिना ये जानें कि सामने वाला भोजन आटे का है या मैदे का ग्रहण कर लेते हैं। पर आटे और मैदे में बहुत अंतर होता है। ये अकसर होता है कि मैदे से बनी चीज़ें हम सबको बहुत अच्छी लगती हैं, पर ये मैदा हमारे स्वास्थ्य को आगे चलकर नुक़सान पहुंचा देता है। कभी-कभार मैदे का भोजन ग्रहण करने में कोई बुराई नहीं, लेकिन रोज़ाना मैदा लेना हमारे स्वास्थ्य को नुक़सान पहुंचा देता है।

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क्या है आटे और मैदे में अंतर

आटे और मैदे में अंतर न पता होने से हम अपने से खिलवाड़ कर जाते हैं। देखने में आटा अगल-अलग रंग का हो सकता है, सफ़ेद या हल्का पीला और थोड़ा दरदरा लेकिन मैदा सफ़ेद और बहुत महीन होता है। दरअसल मैदा बनाने के लिए गेहूं के ऊपरी भाग या छिल्के को हटा दिया जाता है। केवल सफ़ेद भाग को महीन पीसकर मैदा बनाते हैं। हालांकि दोनों ही चीज़ें बनती गेहूं से ही हैं। आईए जानें आटे और मैदे में अंतर :-

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  • आंत : आटे में फ़ाइबर पाया जाता है, जिससे आटे से बने सामान को खाने के बाद आटा आसानी से पच जाता है। मैदे में ये स्थिति बदल जाती है। मैदे में फ़ाइबर नहीं होता, जिससे मैदे से बना भोजन खाने से मैदा आंतों में चिपक जाता है। चिपकने से क़ब्ज़ और गैस की समस्या शुरू हो जाती है। 
  • वज़न : आटे से बने भोजन को लेने से क्योंकि आटा आसानी से पच जाता है, वज़न बढ़ने की समस्या नहीं होती। मैदे से बने भोजन को लेने से मेटाबॉलिज़्म प्रभावित होता है जिससे वज़न बढ़ने जैसी समस्या पैदा हो जाती है। 
  • हृदय : जहां आटे से बने भोजन को लेने से हृदय को किसी तरह का ख़तरा नहीं होता, वहीं मैदे के बने भोजन हृदय के लिए नुक़सानदेह बन जाते हैं। मैदे का भोजन हृदय घात और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्या पैदा कर देता है। मैदे से बने भोजन से शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ जाता है।
  • इम्यूनिटी : क्योंकि आटे से बना भोजन शरीर में आसानी से प्रोसिस हो जाता है, मैदा नहीं, ऐसे में ज़रूरी है आटे से बनी चीज़ों को ग्रहण करें। आटे को मैदे की अपेक्षा लेने से शरीर में इम्यूनिटी बनी रहती है, ख़ून की क़मी नहीं होती और शरीर को ऊर्जा बहुतायत मिलती है। 
  • पाचन : बाज़ार में आसानी से अब नूडल्स और ब्रेड जैसी चीज़ें आटे की बनी हुई मिल जाती हैं। ऐसा इसलिए कि जागरूकता बढ़ने के साथ-साथ अब लोग मैदे की अपेक्षा आटे की बनी चीज़ें खा रहे हैं। ये आटे की बनी चीज़ें न केवल आसानी से पच जाती हैं, बल्कि शरीर को मैदे से होने वाले नुक़सान से भी बचा लेती हैं। 

इस तरह आटे और मैदे में अंतर को आसानी से समझा जा सकता है। मैदे की अपेक्षा आटे को भोजन में स्वीकारना कई शारीरिक और मानसिक परेशानियों को दूर कर सकता है।

चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।

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