आजकल की बिज़ी लाइफ़ में सब जितना हो सकता है अपनी सेहत का ध्यान रखते है।पहले से आज लोग ज़्यादा सेहत के प्रति जागरूक हो गए है। इसके लिए बहुत से लोग मीठा भी नहीं खाते।मीठा भी बहुत से फ़ॉर्म में आता है जैसे गुड़, वाइट शुगर और ब्राउन शुगर।
आज हम जानेंगे इन तीनो प्रकार की शुगर में क्या अंतर है -
1. गुड़
भारत में शुरू से ही खाने के बाद गुड़ खाने की परम्परा है।गुड़ में बहुत से पोषक तत्व जैसे मैग्नीशियम, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम, फास्फोरस आदि होते है जो सेहत के लिए लाभदारी होते है।गुड़ आपके शरीर में मजूद अशुद्धियों को बाहर निकालता है। यह हमारे रक्त को भी शुद्ध करता है। इसके अलावा यह शरीर में पाचन क्रिया को स्वस्थ रखता है और पेट की समस्याओं जैसे गैस बनना आदि में बहुत लाभदायक है। यह एक प्राकृतिक मिठाई है जो स्वाद के साथ साथ आपकी सेहत का भी ध्यान रखती है। इसके अलावा गुड़ आपका वज़न घटाने में मदद करता है
कितना गुड़ एक दिन में खाना चाहिए- एक दिन में आप 50-60 ग्राम आपको गुड़ खाना चाहिए। अगर आपके शरीर में खून की कमी हो आपको नियमित रूप से गुड़ खाना चाहिए।
ख़ाली पेट गुड़ अच्छा हैः- ख़ाली पेट गुड़ खाना अच्छा होता है। आपको गुड़ ख़ाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए इससे आपकी बॉडी का तापमान अच्छा रहता है।
2. ब्राउन शुगर
आजकल ब्राउन शुगर बहुत पॉप्युलर है लेकिन ब्राउन शुगर के एक चम्मच में वाइट शुगर के सम्मान कैलरीज़ होती है इस में कोई ज़्यादा फ़ायदा नहीं होता। इस में गुड़ को मिलाया जाता है। इसका स्वाद सफ़ेद चीनी से अलग होता है। यह शुगर वाइट शुगर से कम मीठी होती है इसका कारण इन दोनो के बनाने की तरीक़े में अंतर की वजह से है।
वाइट शुगर और ब्राउन शुगर में अंतर होता है
ब्राउन शुगर और वाइट शुगर के रंग में अंतर होता है दूसरा इसके बनाने के प्रॉसेस में फ़र्क़ होता है।ब्राउन शुगर क्रिस्टलीय सुक्रोज से बनी होती है जिस कारण इसके विशिष्ट रंग और स्वाद में अंतर आ जाता है।
कितनी कैलरीज़ होती है?
ब्राउन शुगर में कैलरीज़ की बात करें तों एक चम्मच लगभग 17 कैलरीज़ होती है। इस शुगर को सफ़ेद चीनी से ज़्यादा हेल्थी माना जाता है।
फ़ायदेः- ब्राउन शुगर पेट के लिए बहुत अच्छी होती होती जैसे क़ब्ज़, पाचन तंत्र आदि। इससे आपको माहवारी के दर्द से भी राहत मिलती है। इसका आपकी त्वचा को भी बहुत फ़ायदा होता है।
3. वाइट शुगर
आम घरों में मीठे के रूप में वाइट शुगर का ही इस्तेमाल होता है लेकिन यह कोई ज़्यादा अच्छा विकल्प नहीं है। यह तैयार तो गन्ने से होती है लेकिन इसमें केमिकल होते है और पोषक तत्वों की कमी कम होती है।बच्चों के लिए ज़्यादा अच्छी नहीं होती है।इससे बच्चे क़मज़ोर होते है। इसके अलावा यह बच्चों में डिप्रेशन का कारण बनती है।
इंडियन फ़ूड में ज़्यादा इस्तेमाल वाइट शुगर का किया जाता है सुबह के चाय से इसका इस्तेमाल शुरू हो जाता है लेकिन इसके साइड इफ़ेक्ट्स बहुत हैः-
- यह वज़न बढ़ाता है।
- इससे आपको टाइप 2 की डायबिटीज का ख़तरा बढ़ जाता है।
- स्ट्रेस बढ़ता है।
- शरीर में कमजोरी आती है।
वैसे तो आप कोई भी शुगर का इस्तेमाल कर ले इनमे कोई ज़्यादा फ़रक नही होता। रोज़ाना कम-कम से चीनी का इस्तेमाल करें। डॉक्टर से सलाह के बिना किसी भी टतरह का चीनी का ऑल्टरनेटिव ना यूज़ करें।