Do 5 Measures To Get Relief From Knee Pain: घुटने के दर्द को कम करने के लिए नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग करना बहुत महत्वपूर्ण हैं। घुटने की मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम और स्ट्रेचिंग से दर्द में कमी आ सकती है। अतिरिक्त वजन का होना घुटनों पर अधिक दबाव डाल सकता है। वजन को नियंत्रित रखने से घुटने के दर्द में सुधार हो सकता है। अगर घुटने का दर्द गंभीर है, तो आप एक ब्रेस या समर्थनीय उपकरण पहन सकते हैं। इससे घुटने को समर्थन मिलता है और दर्द कम होता है।
घुटने के दर्द से राहत पाने के लिए करें 5 उपाय
1. व्यायाम और स्ट्रेचिंग
नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग करने से घुटने की मांसपेशियों को मजबूत बनाया जा सकता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है। आप हल्के योगासन, तैराकी और साइकलिंग जैसे कम प्रभाव वाले व्यायाम कर सकते हैं। घुटने के आसपास की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने वाले व्यायाम, जैसे क्वाड्रिसेप्स और हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच, भी मददगार हो सकते हैं।
2. गर्म और ठंडी सिकाई
घुटने के दर्द में राहत के लिए गर्म और ठंडी सिकाई दोनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ठंडी सिकाई सूजन और दर्द को कम करती है, जबकि गर्म सिकाई मांसपेशियों को आराम देती है और रक्त प्रवाह को बढ़ाती है। आप बर्फ के पैक को 15-20 मिनट के लिए घुटने पर रख सकते हैं और उसके बाद गर्म तौलिया या गर्म पानी की बोतल का उपयोग कर सकते हैं।
3. वजन कम करना
अतिरिक्त वजन घुटनों पर अधिक दबाव डालता है, जिससे दर्द और सूजन बढ़ सकती है। स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से वजन कम करने पर घुटनों पर दबाव कम होता है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।
4. एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ
घुटने के दर्द को कम करने के लिए अपने आहार में एंटी-इंफ्लेमेटरी खाद्य पदार्थ शामिल करें। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे मछली और अखरोट), अदरक, हल्दी और हरी पत्तेदार सब्जियाँ शामिल हैं। इन खाद्य पदार्थों के सेवन से सूजन और दर्द कम होता है।
5. सपोर्टिव फुटवियर और घुटने की ब्रेस
सही प्रकार के फुटवियर पहनने से घुटनों पर दबाव कम होता है। सपोर्टिव और कुशनिंग वाले जूते पहनने से घुटने को सही सपोर्ट मिलता है। इसके अलावा, घुटने की ब्रेस या सपोर्ट पहनने से भी घुटने को स्थिरता मिलती है और दर्द में राहत मिलती है। इन उपायों के अलावा, अगर घुटने का दर्द लगातार बना रहता है या गंभीर होता है, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी है। डॉक्टर की सलाह से दवाइयाँ, फिजियोथेरेपी या अन्य उपचार विधियाँ अपनाई जा सकती हैं।