Does Pea Protein Isolate Lead To Bloating: पी प्रोटीन आइसोलेट एक पॉपुलर प्लांट बेस्ड प्रोटीन का श्रोत है जो कि पीले मटर से प्राप्त किया जाता है। वैसे तो ज़्यादातर लोगों को इससे कुछ मुश्किल नहीं होती, सम्भव है कि कुछ लोगों को इसका सेवन करने की वजह से ब्लोटिंग की शिकायत हो। ब्लोटिंग पाचन तंत्र में होने वाली एक आम शिकायत है जिसमें पेट फुला होने, भारी रहने या खिंचाव की समस्या आती है। हाई फाइबर खाने के अलावा भी इसके बहुत सारे कारण हो सकते हैं पर सवाल यह है कि क्या पी प्रोटीन आइसोलेट का सेवन करने से ब्लोटिंग हो सकती है?
क्या Pea Protein Isolate से ब्लोटिंग होती है?
यह पूरी तरह से सच नहीं है। जहां कुछ लोगों को पी प्रोटीन के सेवन से ब्लोटिंग की शिकायत हो सकती है, आम तौर पर ऐसा नहीं होता है। इंडीविजुअल सेंसिटिवीटी, खराब पाचन या कम समय में ज्यादा प्रोटीन का सेवन करने से भी ब्लोटिंग की समस्या हो स5कती है।
कॉम्बिनेशन प्रोटीन ब्लोटिंग की समस्या को कैसे हल करता है?
ब्राउन राइस प्रोटीन के साथ मिलाकर पी प्रोटीन का सेवन करने से बॉविल मूवमेंट में सुधार होता है और ब्लोटिंग में कमी आती है। सभी गुणों से भरपूर होने, डबल प्लांट पावर और थकावट कम करने की वजह से न्यूट्रिशनिसट कॉम्बिनेशन प्रोटीन की सलाह देते हैं।
जहां शुद्ध पी प्रोटीन आइसोलेट से थोड़ी बहुत ब्लोटिंग होने का डर रहता है वहीं कॉम्बिनेशन प्रोटीन से इस प्रॉब्लम से काफ़ी हद्द तक निजात पाई जा सकती है। ज्यादातर प्रोटीन फलियों से आता है और ब्लोटिंग की वजह बन सकता है।
सभी ज़रूरी अमीनो एसिड से भरपूर होता है
पी प्रोटीन के बारे में यह भ्रम भी है कि यह इनकंपलीट प्रोटीन है पर सच यह है पी प्रोटीन असल में एक संपूर्ण प्रोटीन है क्योंकि इसमें सभी 9 ज़रूरी प्रोटीन होते हैं जो हमारी बॉडी ख़ुद नहीं बना सकती मांसपेशियों के विकास और रिपेयर के लिए ज़रूरी BCAA भी पी प्रोटीन में भरपूर मात्रा में होता है। वेगान, शाकाहारी और प्लांट बेस्ड प्रोटीन के इच्छुक लोगों के लिए पी प्रोटीन एक अच्छा श्रोत हो सकता है।
असरदार प्रोटीन
कुछ लोग मानते हैं कि मांसपेशियों के विकास और रिपेयर के लिए पी प्रोटीन एनिमल प्रोटीन जितना असरदार नहीं होता लेकिन रिसर्च बताते हैं कि मांसपेशियों के मामले में पी प्रोटीन, एनिमल प्रोटीन जितना ही असरदार हो सकता है। इसलिए, जो लोग प्लांट बेस्ड प्रोटीन का सेवन करने के इच्छुक हैं, उनके लिए पी प्रोटीन एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
अंत में, यह भ्रम है कि पी प्रोटीन Genetically Modified होता है लेकिन ज्यादातर कमर्शियल तौर पर उपलब्ध प्रोटीन Non-Genetically Modified येलो पी से बनाए जाते हैं।