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Mental Health: क्या पोषण का संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है?

पोषण का गहरा संबंध हमारी ब्रेन हेल्थ से जुड़ा हुआ है। हम जो भोजन खाते हैं वह हमारे दिमाग के कामकाज और मूड को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रिसर्च से पता चलता है कि कुछ फ़ूड पैटर्न हमारी मेन्टल हेल्थ पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं।

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Rajveer Kaur
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Is Nutrition Linked To Our Mental Health?(Image Credit: Pinterest)

Nutrition Linked To Our Mental Health: पोषण का गहरा संबंध हमारी ब्रेन हेल्थ से जुड़ा हुआ है। हम जो भोजन खाते हैं वह हमारे दिमाग के कामकाज और मूड को रेगुलेट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कुछ पोषक तत्व, जैसे ओमेगा -3 फैटी एसिड, विटामिन बी और जिंक तथा मैग्नीशियम जैसे खनिज, ऑप्टीमल ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने और न्यूरोट्रांसमीटर प्रोडक्शन को सपोर्ट करने के लिए जरुरी हैं। सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर हमारे इमोशंस और ओवरआल इमोशनल वेल्बीइंग को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार हैं। इसलिए अच्छे मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार महत्वपूर्ण है।

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Mental Health: क्या पोषण का संबंध हमारे मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है?

रिसर्च से पता चलता है कि कुछ फ़ूड पैटर्न हमारी मेन्टल हेल्थ पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। उदाहरण के लिए प्रोसेस्ड फ़ूड, रिफाइंड शुगर्स और अन्हेल्थी फैट्स से भरपूर फ़ूड डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसे मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर्स से जुड़े हुए हैं। दूसरी ओर, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और हेल्थी फैट से भरपूर फ़ूड का सम्बन्ध कम मेन्टल हेल्थ समस्याएं और अच्छी इमोशनल वेल्बीइंग के साथ हैं। इससे पता चलता है कि हमारे फ़ूड की क्वालिटी का प्रभाव सीधा हमारी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है।

कुछ पोषक तत्व, जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड का सम्बन्ध डिप्रेशन में कमी और अच्छे मूड से हैं। 

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प्रोसेस्ड फ़ूड, शुगर और अनहेल्थी फैट से भरपूर फ़ूड का संबंध, बढ़ते हुए मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर हैं।

संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और स्वस्थ वसा शामिल हों, खाने से अच्छे मानसिक स्वास्थ्य में मदद मिल सकती है।

मेंटल हेल्थ को अच्छा बनाने में प्रोटीन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अमीनो एसिड से बना है, जो दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर के बिल्डिंग ब्लॉक हैं। सेरोटोनिन, डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर मूड, इमोशन्स और कॉग्निटिव फंक्शन को रेगुलेट करने के लिए जिम्मेदार हैं। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन यह तय करता है कि दिमाग में इन न्यूरोट्रांसमीटरों का पैदा करने के लिए काफ़ी अमीनो एसिड है जो मूड और ओवरआल इमोशनल वेल्बीइंग को सुधार करने में मदद करते हैं।

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यह लेख गायत्री के ड्यूल प्लांट बेस्ड प्रोटीन द्वारा समर्थित है - इसे यहां देखें

ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित

न्यूरोट्रांसमीटर प्रोडूस के अलावा प्रोटीन ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। जब हम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं तो वे ग्लूकोज में टूट जाते हैं, जो दिमाग को एनर्जी देते हैं। हालाँकि, कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन का सेवन ब्लड स्टेम में ग्लूकोज के रिलीज़ को धीमा करने में मदद करता है, जिससे ब्लड शुगर के लेवल में तेजी से बढ़ावा और कमी को रोका जा सकता है। ब्लड शुगर के लेवल का यह स्थिरीकरण मूड को स्थिर बनाए रखने और मूड में बदलाव या चिड़चिड़ापन को रोकने में मदद कर सकता है।

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प्रोटीन मेन्टल हेल्थ में शामिल हार्मोन की प्रोडक्शन में भी मदद करता है। उदाहरण के लिए, कोर्टिसोल, एक हार्मोन जो तनाव को कंट्रोल करने में मदद करता है, उत्पादन के लिए प्रोटीन जरुरी है। क्रोनिक स्ट्रेस से मेंटल हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है लेकिन पर्याप्त प्रोटीन का सेवन शरीर के तनाव को अच्छे ढंग से मैनेज करने की क्षमता पर पॉजिटिव इफेक्ट डालता है। इसके अलावा ,प्रोटीन नींद को रेगुलेट करने वाला मेलाटोनिन हार्मोन को प्रोडूस करता है। पर्याप्त प्रोटीन का सेवन हेल्थी स्लीप पैटर्न और गुड ,मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरुरी है।

गट-ब्रेन कनेक्ट 

पोषण और मानसिक स्वास्थ्य बीच गट-ब्रेन कनेक्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। गट माइक्रोबायोटा में हमारे पाचन तंत्र में रहने वाले खरबों बैक्टीरिया होते हैं जो अलग रास्तों के माध्यम से दिमाग के साथ संचार करते पाए गए हैं। यह संचार, जिसे गट-ब्रेन एक्सिस के रूप में जाना जाता है, हमारे माइंडसेट, व्यवहार और कॉग्निशन को प्रभावित करता है। गट माइक्रोबायोटा की संरचना हमारे द्वारा खाए जाने वाले फ़ूड से प्रभावित होती है और माइक्रोबायोटा में असंतुलन मेंटल हेल्थ डिसऑर्डर से जुड़ा है। इसलिए हेल्थी डाइट के माध्यम से गुड मेंटल हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए हेल्थी गट माइक्रोबायोटा को बनाए रखना आवश्यक है।

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