Taking Toffee: रोते हुए बच्चे को शांत करने के लिए टॉफी दी जाती है। बच्चों को खुशी देने के लिए टॉफी दी जाती है। बच्चों की चीज को शांत करने के लिए भी टॉफी दे दी जाती है। पर बड़े लोग टॉफी से बचते हैं।
कुछ लोग तो टॉफी को बच्चों से ही जोड़ते हैं। उनके लिए एक उम्र बाद टॉफी खाना बच्चों का काम हो जाता है। ऐसा नहीं है। टॉफी किसी भी उम्र में कोई भी खा सकता है। टॉफी खाने के बहुत से फायदे हैं।
टॉफी पास रखने से क्या फायदे हैं
टॉफी खाना शरीर में एक अलग ही प्रभाव डालता है। आइए जानें:-
मूड सही करे
अपने बैग में टॉफी जरूर रखें। ऐसा इसलिए कि टॉफी हमारे मानसिक तनाव में काम आती है। जब कभी मूड अच्छा न हो तो टॉफी खाएं। बिगड़े मूड वाले व्यक्ति को टॉफी खिलाएं। टॉफी बच्चों के लिए ही नहीं बड़ों के मूड के लिए भी अच्छी है।
फ्लेवर्स देती है
टॉफी में अलग-अलग नेचुरल फ्लेवर्स होते हैं। मैंगो वाइट का नाम तो सुना ही होगा। मैंगो फ्लेवर, लीची फ्लेवर और ऑरेंज फ्लेवर जैसे कई फ्लेवर में टॉफी आती हैं। हर समय फल पास में होना पॉसिबल नहीं होता लेकिन टॉफी को आप आसानी से अपने पास रख सकते हैं। यह फल की कमी महसूस होने नहीं देगी।
ग्लूकोस की पूर्ति
टॉफी में शुगर पाया जाता है। इसको खाने से शरीर में शुगर की कमी नहीं होती। टॉफी ग्लूकोज की कमी भी दूर करती है। अगर कभी आप थकान या कुछ महसूस कर रहे होंगे तो टॉफी खाने से आपको थोड़ा आराम मिल जाएगा।
पानी की पूर्ति
टॉफी खाने से प्यास में भी राहत मिल जाती है। अगर आपको प्यास बहुत लग रही है और आप ऐसे स्थान में है जहां पानी की कमी है तो आप आसानी से टॉफी के जरिए प्यास में काबू पा सकते हैं। टॉफी को पानी का सप्लीमेंट कहा जा सकता है।
स्वाद बढ़ाए
आपको लग रहा है आपके मुंह का स्वाद खराब हो रहा है, टॉफी को खाना आपके मुंह के स्वाद को अच्छा कर सकता है। मीठी नमकीन टॉफी और मीठी टॉफी दोनों ही आपके स्वाद की कमी को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में टॉफी का सेवन जरूर करें।
इस तरह टॉफी खाने से बहुत फायदे हैं। टॉफी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों के लिए अच्छी रहती है। हालांकि ज्यादा टॉफी का खाना सही नहीं है, इसे कभी भी आदत न बनाएं। बच्चों में ज्यादा टॉफी दांत को खराब कर सकती है। बैग में जरूर रखें लेकिन खुद भी उसको सीमित मात्रा में खाएं।
चेतावनी : प्रदान की जा रही जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्य से है। कुछ भी प्रयोग में लेने से पूर्व चिकित्सा विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लें।