Effect Of Phone In Pregnancy: बड़े हो या बूढ़े सब के पास एक अलग डिवाइस होता है जो है मोबाइल फोन। अपने हर काम को कंप्लीट करने के लिए मोबाइल फोन की आवश्यकता पड़ती है और लगभग हर वक्त सबके पास रहता है। लोग अक्सर अपने मोबाइल फोन को पॉकेट में रखते हैं या फिर हाथ में लिए रहते हैं पर क्या प्रेगनेंसी में मोबाइल फोन का बच्चे पर कोई असर होता है? आईए जानते हैं।
क्या प्रेगनेंसी में बच्चे पर फोन का असर होता है?
हार्ट रेट का बढ़ना
किसी भी व्यक्ति के बहुत अधिक मोबाइल फोन के इस्तेमाल से उसके हार्ट रेट के बढ़ाने का खतरा अधिक होता है। इसका रीजन यह है कि फोन से निकलने वाला इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव हमारी बॉडी को प्रभावित करता है। प्रेगनेंसी में भी ऐसा हो सकता है।
बच्चों के ग्रोथ पर असर
फोन से निकलने वाली इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव के कारण कहा जाता है कि बच्चों के ग्रोथ पर असर होता है पर साइंटिफिकली यह प्रूव नहीं किया गया है। अपने सभी कामों को कंप्लीट करने के लिए कहीं ना कहीं फोन एक जरूरत बन जाता है। ऐसे में डरने वाली कोई बात नहीं होती। फोन का इस्तेमाल किया जा सकता है पर बहुत अधिक फोन का इस्तेमाल कहीं ना कहीं बॉडी को हानि पहुंचता है।
स्लीपिंग प्रॉब्लम
प्रेगनेंसी में अक्सर महिलाओं को स्लीपिंग प्रॉब्लम होती है। फोन के इस्तेमाल से कई बार यह बढ़ भी सकता है। जिसके कारण मानसिक तनाव भी होता है और मूड में परिवर्तन भी देखा जा सकता है जैसे चिड़चिड़ापन आदि।
क्या यह बहुत सीरियस है?
विज्ञान के हिसाब से देखा जाए तो फोन के कई सारे नुकसान होते हैं पर विशेषकर प्रेगनेंसी में ऐसे नुकसान के होने के चांसेस बहुत कम होते हैं इसलिए डरने की बात नहीं होती है। अपने फोन का इस्तेमाल केवल जरूरी कामों और लाइट एंटरटेनमेंट के लिए करें।
क्या सावधानियां बरती जा सकती हैं?
अपने फोन को इस्तेमाल करना तो नहीं छोड़ा जा सकता लेकिन अपने स्क्रीन टाइम को कम करें। साथ ही सोने से पहले फोन का इस्तेमाल न करें। इसके अलावा अपने बेडरूम में फोन, टैबलेट या लैपटॉप जैसे किसी भी डिवाइस को ना रखें। फोन को कभी भी अपने जींस या शर्ट के पॉकेट में ना रखें। इसे हमेशा एक बैग में रखें ताकि इससे निकलने वाली वेव बॉडी को सीधे असर न करे।