Health Tips: डेंगू से बचाव के उपाय

एक प्रकार का वायरल बीमारी है जो Aedes मच्छर के कटने से होता है।मानसून के दौरान और उसके बाद डेंगू होने का खतरा अधिक हो जाता है क्योंकि इस समय पानी जमा होते हैं जो मच्छरों के प्रजन्न का वातावरण होता है।

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Sneha yadav
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Dengue and malaria

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EffectiveMeasuresforDenguePrevention: डेंगू एक प्रकार की वायरल बीमारी है जो Aedes मच्छर के काटने से होता है। यह मच्छर ज्यादातर दिन में काटते हैं, खासकर सुबह और शाम के समय। डेंगू मुख्य रूप से नमी और गर्मी वाले क्षेत्रों में होते हैं क्योंकि ऐसी परिस्थितियाँ मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल होती हैं। मानसून के दौरान और उसके बाद डेंगू होने का खतरा अधिक हो जाता है क्योंकि इस समय पानी जमा होते हैं जो मच्छरों के प्रजन्न का वातावरण होता है। डेंगू के लक्षण आमतौर पर संक्रमित होने के 4-10 दिनों बाद प्रकट होते हैं। इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान और कभी-कभी उल्टी या मतली शामिल होती हैं। अधिक गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है, जो घातक हो सकता है। ट्रेन तो आइये जानते हैं डेंगू से बचाव के उपाय।

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डेंगू से बचाव के 5 उपाय 

1. मच्छरों से बचाव के उपाय

मच्छर से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें खासकर रात के समय। अगर मच्छरदानी में insecticide लगा हुआ है तो वह और भी प्रभावी साबित होता है। यह एक बहुत सरल तरीका है मच्छर से बचाव के लिए। मच्छरों को भगाने के लिए हम मॉस्किटो क्रीम भी अपने त्वचा पर लगा सकते हैं। मार्केट में बहुत सारे स्प्रे और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादक आते हैं जो मच्छरों को भगाने में फायदेमंद होते हैं।

2. पानी जमा न होने दें

डेंगू मच्छरों का प्रजन्न साफ पानी में होता है। मानसून में डेंगू होने का खतरा अधिक हो जाता है क्योंकि जगह-जगह पर पानी इकट्ठे हुए रहते हैं जो डेंगू मच्छर के प्रजन्न हो सकता है। इसलिए पानी के बर्तन, फूलदान, कूलर और अन्य जगहों पर जमा पानी को सप्ताह में कम से कम एक बार खाली कर दें इसकी वजह से मच्छर उसमें एंड नहीं दे सकेंगे। नालियों में जमा कचरे को सप्ताह में साफ करते रहे। छत पर रख टैंक या ड्रम के पानी को ढक कर रखें।

3. स्वच्छता का ध्यान रखें

घर के आसपास कूड़ा या प्लास्टिक के कचरे को जमा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के प्रजनन स्थल बन सकते हैं। नियमित रूप से घर के आस-पास सफाई करें, ताकि मच्छरों के लार्वा न पनप सकें। मच्छर दरवाजे और खिड़की के द्वारा घर में प्रस्थान करते हैं इसीलिए खिड़कियों पर महीन जाली लगवाएं। ध्यान रखिए शाम होते ही मच्छर घर में आना शुरू कर देते हैं इसीलिए घर की खिड़की, दरवाजे बंद करके रखें।

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4. रोग के लक्षणों की पहचान

अगर तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स की कमी हो सकती है इसीलिए ब्लड टेस्ट जरूर करवाएं। डेंगू से पीड़ित व्यक्ति अत्यधिक पानी का सेवन करें ताकि बॉडी में लिक्विड पदार्थ की कमी ना हो। नींबू पानी नारियल पानी और फलों के जूस का सेवन अधिक से अधिक करें और आराम करना भी बहुत जरूरी है।

5. मच्छरों के प्रजनन स्थल की निगरानी

अगर आपके इलाके में डेंगू का प्रकोप बढ़ रहा हो, तो स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर मच्छरों के प्रजनन स्थल की निगरानी में सहयोग करें। मच्छर जनित बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा कीटनाशकों का छिड़काव और फॉगिंग करवाई जाती है। मच्छरों से बचाव के उपायों के बारे में लोगों को जागरूक करना जरूरी है।

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