Explain About The Multiple Orgasms: सेक्स की जब बात आती है तो ऑर्गेज्म को ना याद किया जाए तो ऐसा नहीं हो सकता। बहुत सारे लोगों की यही सोच है कि सेक्स के दौरान हमारा मुख्य लक्ष्य ऑर्गेज्म ही होता है। ऑर्गेज्म तक पहुंचने के लिए हम अलग-अलग तरीके अपनाते हैं और अलग-अलग पोजीशंस को एक्सप्लोर करते हैं। अगर हम कहें कि आप एक सेशन के दौरान में ही ऑर्गेज्म को एक बार नहीं ज्यादा बार एक्सपीरियंस कर सकते हैं तो शायद आप इस बात को नहीं मानेंगे। आज हम आपके साथ मल्टीप्ल ऑर्गेज्म के ऊपर बात करेंगे-
Multiple Orgasms का क्या मतलब है? जानिए ये जरुरी बातें
मल्टीप्ल ऑर्गेज्म क्या है?
ऑर्गेज्म की बात की जाए तो सेक्स के दौरान इसे अचीव करना थोड़ा मुश्किल होता है। वहीं मल्टीप्ल ऑर्गेज्म में आप एक ही सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान कई बार ऑर्गेज्म तक पहुंचते हैं। रिसर्च के मुताबिक महिलाओं को मल्टीप्ल ऑर्गेज्म पुरुषों के मुकाबले ज्यादा होता है। अब कुछ लोग मल्टीप्ल ऑर्गेज्म को एजिंग के साथ भी जोड़ देते हैं लेकिन यह दोनों एक दूसरे से विपरीत है। एजिंग में आप मल्टीप्ल ऑर्गेज्म तक पहुंचने से पहले ही खुद को रोक देते हैं और जब आप दो-तीन बारी के बाद ऑर्गेज्म तक पहुंचते हैं तो अनुभव बहुत ज्यादा इंटेंस हो जाता है। अगर आप इस बारे में बात करें कि एक व्यक्ति को कितनी बार ऑर्गेज्म हो सकता है तो यह हर व्यक्ति में अलग तरीके से होता है। इसके साथ ही आपकी यौन प्रेफरेंस और टेस्ट के ऊपर भी निर्भर करता है। सबसे जरूरी बात यह है कि आप अपनी बॉडी के बारे में कितना जानते हैं और खुद को कितना एक्सप्लोर करते हैं।
Refractory Period का क्या रोल है?
कॉस्मापॉलिटन के एक आर्टिकल के अनुसार लॉरी मिंट्ज़, पीएच.डी., एक लाइसेंस प्राप्त मनोवैज्ञानिक, प्रमाणित सेक्स थेरेपिस्ट और बीकमिंग क्लिटेरेट की लेखिका बताती हैं- "Refractory Period, सेक्स के बाद का वो समय होता है, जिस दौरान शरीर अतिरिक्त उत्तेजना पर प्रतिक्रिया नहीं कर सकता है।" यह एक ऐसा समय है जब एक पुरष को दोबारा ऑर्गेज्म नहीं हो सकता है।
वहीं पर महिलाओं की बात की जाए तो उनमें Refractory Period पुरुषों की तरह नहीं होता है। महिलाएं मल्टीप्ल ऑर्गेज्म के बाद भी अराउजड रहती हैं जिसके कारण दोबारा ऑर्गेज्म तक पहुंच सकती हैं। ऐसा महिलाओं के क्लिटोरिस जॉन के कारण संभव है जो हमेशा ही प्लेजर के लिए काम करता है।
आपको एक बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि सेक्स का गोल कभी भी ऑर्गेज्म नहीं होता है। अगर आप बिना ऑर्गेज्म के भी सेक्स को एंजॉय कर रहे हैं, संतुष्ट हैं और आपको प्लेजर मिल रहा है तो आपको इस बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है कि मुझे ऑर्गेज्म हुआ है या नहीं। अगर आपको एक से ज्यादा बार ऑर्गेज्म, एक बार की सेक्सुअल एक्टिविटी में भी हो रहा है तब भी यह आपका गोल नहीं होना चाहिए। आपको हमेशा ही सेक्स को आनंदित बनाना चाहिए ताकि आप इस पूरे सफर को इंजॉय कर सकें।